शुभ दीपोत्सव 24' मैं वो दिया हूं, जलूंगा सारी रात, जब बुझ जाऊंगा, सुबह छोड़ जाऊंगा। . रात के इंतजार में, पैदा करूंगा ऐसा मंजर, उजाला कुछ ले जाऊंगा, तस्कीन^ छोड़ जाऊंगा। . मैं वही दिया हूं, रोशन करने जहां, रात लौट आऊंगा, यावर* बन जाऊंगा। . - विवेक अग्रवाल indiacrime.com / anoothaindia.com / metanabes.com . ^संतुष्टि, तसल्ली, *मददगार
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