उस दिन देश की राजधानी में आतंकी हमला हुआ था। इससे देश की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खुल गई। इससे पहले 13 जुलाई 2012 को मुंबई में आतंकी धमाका हुआ था। सुरक्षा एजेंसियों और प्रशासन की तरफ से आतंकी हमलों को रोकने की दिशा में किए जा रहे आधे-अधूरे प्रयास से आमलोगों का जीवन हमेशा खतरे में रहता है। लोगों की चिंताओं और गुस्से को उचित कहा जा सकता है, लेकिन यह समय अपने परिवार के भविष्य को आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने का है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से आहत होने वाले परिवार कम से कम आर्थिक तौर पर असुरक्षा महसूस न करें। आतंकी हमले से जुड़े जोखिम को देखते हुए आप अपने पर निर्भर लोगों को पर्याप्त बीमा कवर से वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करें।
परिवार के हित में अपनाएं कवर
बीमा कवर का मतलब सिर्फ जीवन बीमा नहीं होता है। कमाई करने वाले किसी भी व्यक्ति को अपने परिवार के प्रोटेक्शन का फ्रेमवर्क तैयार करना चाहिए। इसके लिए आप अपना और अपने पर निर्भर लोगों के लिए स्वास्थ्य बीमा और दुर्घटना बीमा कवर लें।
आईसीआईसीआई लोम्बार्ड के हेड (कस्टमर केयर, हेल्थ एंड मोटर), संजय दत्त का कहना है, 'आतंकी हमले में प्रभावित होने पर किसी व्यक्ति को बीमा कवर मुहैया कराने वाली पॉलिसी की संख्या बहुत अधिक नहीं है। हालांकि, दुर्घटना और स्वास्थ्य बीमा कवर मुहैया कराने वाली कई बीमा कंपनियां आतंकी हमलों के जोखिम को भी कवर करती हैं।'
अगर आप अपने घर को आतंकी हमलों से होने वाले नुकसान से बचाना चाहते हैं, तब आपको होम इंश्योरेंस पॉलिसी के साथ आतंकी हमले का राइडर लेना होगा। मेडिमैनेज डॉट कॉम के हेड (ई-बिजनेस), महावीर चोपड़ा का कहना है, 'होम इंश्योरेंस या कोई भी दूसरा प्रॉपर्टी बीमा के साथ आपको अतिरिक्त राइडर लेना पड़ेगा और उसके लिए आपको अतिरिक्त भुगतान भी करना होगा। आतंकी हमले के राइडर के लिए आपको प्रति एक लाख रुपए कवर के लिए सिर्फ 50 रुपए का अतिरिक्त भुगतान करना होता है।'
स्वास्थ्य बीमा
कोई भी स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी इस तरह की घटनाओं से होने वाले सभी मेडिकल खर्चों को कवर करती है। इसमें हॉस्पिटल में रहने के दौरान और इसके बाद के 60 दिनों तक के खर्च को भी कवर किया जाता है। चोपड़ा का कहना है, 'एक स्टैंडर्ड हेल्थ इंश्योरेंस सिर्फ युद्ध या विदेशी हमलावर द्वारा किए जाने वाले हमले की वजह से होने वाले मेडिकल खर्चों को कवर नहीं करती है, लेकिन यह आतंकी हमले से अलग होता है। आतंकी हमले को किसी व्यक्ति द्वारा हिंसा या फोर्स का इस्तेमाल करना माना जाता है। चाहे वह व्यक्तिगत स्तर पर करे या फिर किसी संगठन, राजनीतिक, धार्मिक, वैचारिक या इस तरह के उद्देश्यों के साथ किया गया हो।'
हालांकि, स्वास्थ्य बीमा कवर में बीमित व्यक्ति के मरने पर परिवार को सम एश्योर्ड का भुगतान नहीं किया जाता है। अगर कोई व्यक्ति इन हमलों में विकलांग हो जाता है, तब उसे स्वास्थ्य बीमा कवर के साथ मिलने वाला कोई भी मुआवजा नहीं मिलता है।
अतिरिक्त सुरक्षा
कोई भी जीवन या स्वास्थ्य बीमा कवर किसी भी व्यक्ति को इस तरह की आतंकी घटनाओं में अस्थायी या पूर्ण तौर पर विकलांग होने पर आय के नुकसान की भरपाई नहीं करता है। विशेषज्ञों की राय में आप अपने पोर्टफोलियो में दुर्घटना बीमा कवर भी शामिल करें। आईसीआईसीआई लोम्बार्ड के दत्त कहते हैं, 'आतंकी हमले से विकलांगता या जीवन का नुकसान हो सकता है। इस दौरान इलाज पर इलाज का अतिरिक्त दबाव आ सकता है। ऐसे में किसी भी व्यक्ति को मृत्यु और विकलांगता के लिए निजी दुर्घटना कवर लेना चाहिए और दोनों ही स्थितियों में इलाज पर होने वाले खर्चों का कवर मिल सके।'
अगर आप अपने परिवार में अकेले ऐसे व्यक्ति हैं, जो कमाई कर रहे हैं, तब आपको निश्चित तौर पर यह कवर हासिल करना चाहिए। चोपड़ा कहते हैं, 'जीवन बीमा पॉलिसी में राइडर जोड़ने के बजाए आप निजी दुर्घटना बीमा कवर अलग से लें। यह जरूरत सुनिश्चित करें कि बीमा कवर में अस्थाई या पूर्ण विकलांगता शामिल हों। इस तरह के कवर में बीमित व्यक्ति को दुर्घटना होने की स्थिति में अलग से पहले से तय रकम दी जाती है।'
कुछ निजी दुर्घटना बीमा मृत व्यक्ति के ट्रांसपोर्टेशन, बीमित व्यक्ति की गाड़ी या घर को ठीक करने में आने वाले खर्च को भी कवर करता है। कुछ कंपनियां अपने कर्मचारियों को ग्रुप एक्सीडेंट बीमा के तहत कवर मुहैया कराती है। हालांकि, कोई इस बात की गणना नहीं कर सकता है कि आपके नियोजक की तरफ से मिलने वाले दुर्घटना कवर से आपकी कितनी जरूरत पूरी हो सकेगी।
वैंटेज इंश्योरेंस ब्रोकर्स की एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर कंचन टीक का कहना है, 'अगर आप ग्रुप एक्सीडेंट बीमा का कवर मिल रहा है, तब यह जरूरी नहीं है कि यह आप पर निर्भर लोगों को कवर मुहैया कराता हो। आमतौर पर कंपनियां सिर्फ अपने कर्मचारियों को ही इस तरह की सुविधाएं देते हैं। जरूरत पड़ने पर, आप अपनी पॉलिसी से मिलने वाले कवर का आकलन करें और अपने परिवार के लिए व्यक्तिगत निजी दुर्घटना बीमा कवर खरीदें।'
कितना हो कवर
एक बार जब आपने यह समझ लिया है कि कौन सा बीमा कवर आपकी आय और आपकी जिम्मेदारियों का निर्वहण आपकी उपस्थिति या अनुपस्थिति में कर सकता है, तब आप बीमा कवर कितना होना चाहिए, इसकी गणना करें। मेट्रो में एक 35 वर्षीय व्यक्ति के परिवार में उनकी पत्नी/पति, स्कूल जाने वाला बच्चा और निर्भर माता-पिता रहते हों और परिवार में वह अकेले कमाने वाले हैं तो ऐसी स्थिति में कितना कवर होना चाहिए?
मैक्स बुपा की डायरेक्टर (माकेर्टिंग), शेफाली छाछी का कहना है, 'इस तरह के परिवार को परिवार के सभी व्यक्ति के लिए अलग-अलग सम इंश्योर्ड का कवर होना चाहिए। इसके अलावा, फैमिली फ्लोटर कवर भी होना चाहिए। यह 5 लाख रुपए या इससे अधिक का होना चाहिए।' शेफाली कहती हैं, हेल्थ इंश्योरेंस कवर अलग-अलग व्यक्ति और परिवार की जरूरतों के मुताबिक होना चाहिए।
मेडिमैनेज के चोपड़ा कहते हैं, 'दुघर्टना में मौत और विकलांगता की स्थिति में आप अपने सालाना खर्चों का कम से कम 10 गुना का कवर हासिल करें। आप हर 3-4 साल पर इसकी समीक्षा करें और उसके मुताबिक इसे अपग्रेड करें।' चोपड़ा कहते हैं, 'अगर आप परिवार में कमाने वाले अकेले व्यक्ति हैं और आपको बच्चा भी है, तब आपको उनके उच्च शिक्षा पर आने वाले खर्चों के इंतजाम के बारे में भी सोचना होगा। कई निजी दुर्घटना बीमा में बच्चों की पढ़ाई पर आने वाले खर्च को कवर किया जाता है। अगर किसी बीमित व्यक्ति की मौत हो जाती है या फिर वह अपंग हो जाते हैं, तब उन पर निर्भर बच्चे के लिए चाइल्ड एजुकेशन फंड मुहैया कराते हैं। यह काफी हद तक पॉलिसी की शर्तों पर निर्भर करता है।'
साभार
16 Sep 2011, 1600 hrs IST, इकनॉमिक टाइम्स
प्रीति कुलकर्णी/ख्याति धरमसी
http://hindi.economictimes.indiatimes.com/articleshow/10004017.cms
परिवार के हित में अपनाएं कवर
बीमा कवर का मतलब सिर्फ जीवन बीमा नहीं होता है। कमाई करने वाले किसी भी व्यक्ति को अपने परिवार के प्रोटेक्शन का फ्रेमवर्क तैयार करना चाहिए। इसके लिए आप अपना और अपने पर निर्भर लोगों के लिए स्वास्थ्य बीमा और दुर्घटना बीमा कवर लें।
आईसीआईसीआई लोम्बार्ड के हेड (कस्टमर केयर, हेल्थ एंड मोटर), संजय दत्त का कहना है, 'आतंकी हमले में प्रभावित होने पर किसी व्यक्ति को बीमा कवर मुहैया कराने वाली पॉलिसी की संख्या बहुत अधिक नहीं है। हालांकि, दुर्घटना और स्वास्थ्य बीमा कवर मुहैया कराने वाली कई बीमा कंपनियां आतंकी हमलों के जोखिम को भी कवर करती हैं।'
अगर आप अपने घर को आतंकी हमलों से होने वाले नुकसान से बचाना चाहते हैं, तब आपको होम इंश्योरेंस पॉलिसी के साथ आतंकी हमले का राइडर लेना होगा। मेडिमैनेज डॉट कॉम के हेड (ई-बिजनेस), महावीर चोपड़ा का कहना है, 'होम इंश्योरेंस या कोई भी दूसरा प्रॉपर्टी बीमा के साथ आपको अतिरिक्त राइडर लेना पड़ेगा और उसके लिए आपको अतिरिक्त भुगतान भी करना होगा। आतंकी हमले के राइडर के लिए आपको प्रति एक लाख रुपए कवर के लिए सिर्फ 50 रुपए का अतिरिक्त भुगतान करना होता है।'
स्वास्थ्य बीमा
कोई भी स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी इस तरह की घटनाओं से होने वाले सभी मेडिकल खर्चों को कवर करती है। इसमें हॉस्पिटल में रहने के दौरान और इसके बाद के 60 दिनों तक के खर्च को भी कवर किया जाता है। चोपड़ा का कहना है, 'एक स्टैंडर्ड हेल्थ इंश्योरेंस सिर्फ युद्ध या विदेशी हमलावर द्वारा किए जाने वाले हमले की वजह से होने वाले मेडिकल खर्चों को कवर नहीं करती है, लेकिन यह आतंकी हमले से अलग होता है। आतंकी हमले को किसी व्यक्ति द्वारा हिंसा या फोर्स का इस्तेमाल करना माना जाता है। चाहे वह व्यक्तिगत स्तर पर करे या फिर किसी संगठन, राजनीतिक, धार्मिक, वैचारिक या इस तरह के उद्देश्यों के साथ किया गया हो।'
हालांकि, स्वास्थ्य बीमा कवर में बीमित व्यक्ति के मरने पर परिवार को सम एश्योर्ड का भुगतान नहीं किया जाता है। अगर कोई व्यक्ति इन हमलों में विकलांग हो जाता है, तब उसे स्वास्थ्य बीमा कवर के साथ मिलने वाला कोई भी मुआवजा नहीं मिलता है।
अतिरिक्त सुरक्षा
कोई भी जीवन या स्वास्थ्य बीमा कवर किसी भी व्यक्ति को इस तरह की आतंकी घटनाओं में अस्थायी या पूर्ण तौर पर विकलांग होने पर आय के नुकसान की भरपाई नहीं करता है। विशेषज्ञों की राय में आप अपने पोर्टफोलियो में दुर्घटना बीमा कवर भी शामिल करें। आईसीआईसीआई लोम्बार्ड के दत्त कहते हैं, 'आतंकी हमले से विकलांगता या जीवन का नुकसान हो सकता है। इस दौरान इलाज पर इलाज का अतिरिक्त दबाव आ सकता है। ऐसे में किसी भी व्यक्ति को मृत्यु और विकलांगता के लिए निजी दुर्घटना कवर लेना चाहिए और दोनों ही स्थितियों में इलाज पर होने वाले खर्चों का कवर मिल सके।'
अगर आप अपने परिवार में अकेले ऐसे व्यक्ति हैं, जो कमाई कर रहे हैं, तब आपको निश्चित तौर पर यह कवर हासिल करना चाहिए। चोपड़ा कहते हैं, 'जीवन बीमा पॉलिसी में राइडर जोड़ने के बजाए आप निजी दुर्घटना बीमा कवर अलग से लें। यह जरूरत सुनिश्चित करें कि बीमा कवर में अस्थाई या पूर्ण विकलांगता शामिल हों। इस तरह के कवर में बीमित व्यक्ति को दुर्घटना होने की स्थिति में अलग से पहले से तय रकम दी जाती है।'
कुछ निजी दुर्घटना बीमा मृत व्यक्ति के ट्रांसपोर्टेशन, बीमित व्यक्ति की गाड़ी या घर को ठीक करने में आने वाले खर्च को भी कवर करता है। कुछ कंपनियां अपने कर्मचारियों को ग्रुप एक्सीडेंट बीमा के तहत कवर मुहैया कराती है। हालांकि, कोई इस बात की गणना नहीं कर सकता है कि आपके नियोजक की तरफ से मिलने वाले दुर्घटना कवर से आपकी कितनी जरूरत पूरी हो सकेगी।
वैंटेज इंश्योरेंस ब्रोकर्स की एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर कंचन टीक का कहना है, 'अगर आप ग्रुप एक्सीडेंट बीमा का कवर मिल रहा है, तब यह जरूरी नहीं है कि यह आप पर निर्भर लोगों को कवर मुहैया कराता हो। आमतौर पर कंपनियां सिर्फ अपने कर्मचारियों को ही इस तरह की सुविधाएं देते हैं। जरूरत पड़ने पर, आप अपनी पॉलिसी से मिलने वाले कवर का आकलन करें और अपने परिवार के लिए व्यक्तिगत निजी दुर्घटना बीमा कवर खरीदें।'
कितना हो कवर
एक बार जब आपने यह समझ लिया है कि कौन सा बीमा कवर आपकी आय और आपकी जिम्मेदारियों का निर्वहण आपकी उपस्थिति या अनुपस्थिति में कर सकता है, तब आप बीमा कवर कितना होना चाहिए, इसकी गणना करें। मेट्रो में एक 35 वर्षीय व्यक्ति के परिवार में उनकी पत्नी/पति, स्कूल जाने वाला बच्चा और निर्भर माता-पिता रहते हों और परिवार में वह अकेले कमाने वाले हैं तो ऐसी स्थिति में कितना कवर होना चाहिए?
मैक्स बुपा की डायरेक्टर (माकेर्टिंग), शेफाली छाछी का कहना है, 'इस तरह के परिवार को परिवार के सभी व्यक्ति के लिए अलग-अलग सम इंश्योर्ड का कवर होना चाहिए। इसके अलावा, फैमिली फ्लोटर कवर भी होना चाहिए। यह 5 लाख रुपए या इससे अधिक का होना चाहिए।' शेफाली कहती हैं, हेल्थ इंश्योरेंस कवर अलग-अलग व्यक्ति और परिवार की जरूरतों के मुताबिक होना चाहिए।
मेडिमैनेज के चोपड़ा कहते हैं, 'दुघर्टना में मौत और विकलांगता की स्थिति में आप अपने सालाना खर्चों का कम से कम 10 गुना का कवर हासिल करें। आप हर 3-4 साल पर इसकी समीक्षा करें और उसके मुताबिक इसे अपग्रेड करें।' चोपड़ा कहते हैं, 'अगर आप परिवार में कमाने वाले अकेले व्यक्ति हैं और आपको बच्चा भी है, तब आपको उनके उच्च शिक्षा पर आने वाले खर्चों के इंतजाम के बारे में भी सोचना होगा। कई निजी दुर्घटना बीमा में बच्चों की पढ़ाई पर आने वाले खर्च को कवर किया जाता है। अगर किसी बीमित व्यक्ति की मौत हो जाती है या फिर वह अपंग हो जाते हैं, तब उन पर निर्भर बच्चे के लिए चाइल्ड एजुकेशन फंड मुहैया कराते हैं। यह काफी हद तक पॉलिसी की शर्तों पर निर्भर करता है।'
साभार
16 Sep 2011, 1600 hrs IST, इकनॉमिक टाइम्स
प्रीति कुलकर्णी/ख्याति धरमसी
http://hindi.economictimes.indiatimes.com/articleshow/10004017.cms
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