आतंकी कारखाने से डी-कंपनी बाहर – भाग 8 - बी-कंपनी के कारनामे

विवेक अग्रवाल
मुंबई, 25 नवंबर 2013
26/11 के पहले और बाद में भी मुंबई को ही सबसे बड़े आतंकी हमलों का निशाना बनाया जाता रहा है। पुणे, दिल्ली, अहमदाबाद, बनारस, हैदराबाद में भी धमाके किए हैं इस बी-कंपनी ने। खुफिया और जांच एजंसियों में तालमेल के गहरे अभाव और राजनीति के चलते एक के बाद एक आतंकी गिरोह बी-कंपनी लगातार देश भर में हमलों पर हमले करने में कामयाब होती रही है। 
 
19 सितंबर 2008 तक आइएम लखनऊ, जयपुर, बंगलुरू, मुंबई, दिल्ली जैसे कई शहरों में धमाके कर 600 से अधिक लोगों की हत्याएं कर चुका है। 1200 से अधिक लोग धमाको में घायल हो चुके हैं। सैंकड़ों करोड़ रुपए की संपत्ति का अब तक नुकसान हो चुका है। 
 
बी-कंपनी के निशाने पर वाराणसी 
यासीन की वाराणसी पुलिस अर्से से तलाश में थी। 2002 में कोलकाता के अमेरिकी ट्रेड सेंटर पर हमले के बाद यासीन वाराणसी आया था। ट्रेड सेंटर बमकांड में आफताब अंसारी वाराणसी के लल्लापुरा से गिरफ्तार हुआ था। खुफिया सूत्रों के अनुसार यासीन बमकांड के बाद बरास्ते बिहार नेपाल भाग जाता था। यासीन के निशाने पर वाराणसी सदा से रहा है। खुफिया एजंसियां वाराणसी धमाकों में यासीन के शामिल होने संबंधी गोपनीय दस्तावेज भी ले गई थीं। वाराणसी जोन के पुलिस महानिरीक्षक जीएल मीणा का कहना है कि 7 मार्च 2006 को यासीन ने वाराणसी कैंट स्टेशन और संकटमोचन में धमाके करवाए थे, जिसमें 27 लोग मारे गए, दर्जनों घायल हुए। वाराणसी कचहरी में 23 नवंबर 2007 के धमाके में भी यासीन था। तीन साल शांत रहे यासीन ने फिर बनारस को निशाना बनाया। 7 दिसंबर 2010 को शीतला घाट पर संध्या गंगा आरती के दौरान धमाके करवाए, जिसमें 1.6 साल की बच्ची स्वास्तिका समेत एक महिला मारे गए, कुछ विदेशी पर्यटक घायल हुए थे।

हैदराबाद में धमाके  
इमरान खान को दिल्ली पुलिस ने अक्तूबर 2012 में गिरफ्तार किया था। दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद इमरान ने पूछताछ में बताया कि रियाज का कराची से संदेश आया था। गिरफ्तारी से पहले जुलाई, 2012 में रियाज के कहने पर इमरान हैदराबाद गया, जहां मकबूल के साथ मिल कर धमाकों के लिए जगह का चुनाव किया था।  
 
उत्तरप्रदेश में बी-कंपनी के हमले 
साइकिल, बाइक व टिफिन बम से धमाकों में माहिर यासीन के साथी सलमान ने कचहरी का सर्वेक्षण कर साइकिल पर बम लगा कर भाग गया था। यासीन ने इसके बाद फैजाबाद व लखनऊ अदालतों में भी धमाके करवाए थे। 
 
थंगलपाड़ा जंगल में प्रशिक्षण शिविर 
2008 में मंजर के खिलाफ कोट्टायम जिले में आतंक फैलाने के लिए शिविर करने का मामला दर्ज हुआ था। कोट्टायम के थंगलपाड़ा जंगलों में जिहाद इन इंडिया नाम से दहशतगर्दी का प्रशिक्षण सत्र चला था। मुढडपकयाम थाने में एक मामला (257/08) इस बारे में दर्ज है। 
 
वित्थालामक्की व हक्कालमाने प्रशिक्षण शिविर   
खुफिया एजंसियों के मुताबिक यासीन ने आतंकी गतिविधियों में पहली बार उत्तरी कर्नाटक स्थित वित्थालामक्की और हक्कालमाने के इन प्रारंभिक प्रशिक्षण शिविरों में आईएम के आतंकियों से संपर्क और संबंध बना था, जहां से देश भर में आईएम के प्रशिक्षण शिविरों में बम भेजे थे। इन स्थानों पर यासीन की भी जहरखुरानी हुई थी।
 
बॉक्स
·       मार्च 2006: उत्तरप्रदेश के वाराणसी शहर में रेलवे स्टेशन पर विस्फोट, 20 की मौत।
·       जुलाई 2006: मुंबई के उपनगरीय ट्रेनों में सात विस्फोट, जिनमें 187 की मौत, 800 घायल।
·       सितंबर 2006: महाराष्ट्र के मालेगांव में तीन विस्फोट, 38 की मौत, 100 से ज्यादा घायल।
·       फरवरी, 2007: पाकिस्तान जा रही समझौता एक्सप्रेस में विस्फोट, 66 की मौत, ज्यादातर पाक नागरिक।
·       मई 2007: हैदराबाद की 17वीं सदी की मक्का मस्जिद में धमाका, 5 की मौत।
·       अगस्त 2007: हैदराबाद में ऑडिटोरियम के बाहर विस्फोट, 40 की मौत।
·       नवंबर 2007: उत्तरप्रदेश के तीन शहरों में कई धमाके, 13 की मौत।
·       मई 2008: राजस्थान के जयपुर में धमाके में 65 की मौत, 150 घायल।
·       जुलाई 2008: बंगलुरू में 8 विस्फोट, 1 की मौत।
·       जुलाई 2008: गुजरात के अहमदाबाद में 16 बम धमाके, 45 की मौत, 160 जख्मी।
·       सितंबर 2008: दिल्ली के बाजारों में विस्फोट, 22 की मौत, 100 घायल।
·       अक्तूबर 2008: असम के गुवाहाटी में दर्जन भर विस्फोट, 300 की मौत
·       26 नवंबर 2008: मुंबई में आतंकियों ने तीन दिनों तक दहशत मचाई, पंचतारा होटलों, रेलवे स्टेशन पर हमलों समेत दो बम धमाकों में 166 की मौत, 9 पाक आतंकी मारे गए।
·       फरवरी 2010: महाराष्ट्र के पुणे में जर्मन बेकरी में धमाका, 16 की मौत,  अधिकांश विदेशी।
कल पढ़ें: बी-कंपनी के कोडवर्ड

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