आतंकी कारखाने से डी-कंपनी बाहर – भाग 9 - बी-कंपनी के कोडवर्ड

विवेक अग्रवाल
मुंबई, 26 नवंबर 2013
आतंकी गिरोह इंडियन मुजाहिदीन ने अपने बीच बातचीत करने और खुफिया व जांच एजंसियों को भटकाने के लिए संकेत भाषा ईजाद की थी। इन संकेतों को पढ़ने में खासी माथापच्ची करनी पड़ी है खुफिया एवं जांच एजंसियों को। 
  
यासीन से पूछताछ और उसकी ईमेल की जांच करने पर एनआईए को पता चला कि वह अपने साथियों से बात करने में कुछ खास शब्द बतौर पहचान छुपाने के लिए करता था। बम से लेकर धमाकों तक के लिए काफी सारे सांकेतिक शब्दों का इस्तेमाल किया जाता रहा है। इंडियन मुजाहिदीन के ताम आतंकी आपस में बात करने के लिए इन्हीं सांकेतिक शब्दों और भाषा का इस्तेमाल करते आए हैं।

जांचकर्ताओं के सामने यासीन के लैपटॉप ने राज उगला है कि इकबाल भटकल के लिए वह फिल्म अभिनेत्री करीना कपूर के घरेलू नाम 'बेबो' का इस्तेमाल करता था। यासीन ने ईमेल Patara_Singh@yahoo.com और hbhaddur@Yahoo.com को किए हैं इकबाल और रियाज भटकल के हैं।
असली शब्द – सांकेतिक शब्द
इकबाल भटकल – बेबो
एके 47 राइफल – डीवीडी
पिस्तौल – सीडी
विस्फोटक – सीवी
एनआईए – नेवे (Neve)
इंशा अल्लाह – इन (EN@)
आईएसआई – एजंसी
अलकायदा – वागू (Waagu)

बॉक्स
बी-कंपनी प्रतिबंधित
भारत में – सरकार ने गैरकानूनी गतिविधि निरोधक कानून के तहत 2010 में आईएम को आतंकी संगठन घोषित किया।
अमरीका में – 2011 में अमेरिका ने भी आईएम को प्रतिबंधित कर विदेशी आतंकी संगठन घोषित किया।
कल पढ़ें: देश में पहले भी बनी हैं बी-कंपनी

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