मुंबई माफिया के बड़े खिलाड़ी और खतरनाक सरगना संतोष शेट्टी ने एक बार फिर पुलिस को अपनी चालाकी का सबूत दे दिया। राजस्थान के संगमरमर कारोबारी के अपहरण और फिरौती के मामले में संतोष शेट्टी के छूटने के पूरे-पूरे आसार बन गए क्योंकि अपहरण के शिकार इस व्यापारी ने अपने ही शिकारी की शिनाख्त अदालत में नहीं की।
बता दें कि पिछले 45 दिनों से संतोष शेट्टी राजस्थान पुलिस की हिरासत में है। उसे मुंबई से राजस्थान पुलिस अपनी हिरासत में लेकर गई थी।
संतोष शेट्टी की पहचान परेड राजस्थान की एक जेल में पुलिस अधिकारियों ने पिछले दिनों करवाई। व्यापारी ने चूंकी संतोष शेट्टी को नहीं पहचाना, जिससे उसकी रिहाई तय मानी जा रही है।
संतोष अब वापस मुंबई आ चुका है और उसे पुलिस ने आर्थर रोड जेल में रखा है।
संतोष शेट्टी और संगमरमर कारोबारी अपहरण कांड
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक संतोष शेट्टी और उसके तीन गुंडों पर पांच साल पहले चित्तौड़गढ़ के एक कारोबारी ने आरोप लगाया था कि उसका बैंकॉक में अपहरण कर फिरौती वसूल की थी। पुलिस द्वारा अदालत में दायर आरोप पत्र के मुताबिक संतोष ने 2009 में एक व्यक्ति के संगमरमर कारोबारी अरुण भराड़िया को कारोबार करने के बहाने बैंकॉक बुला लिया।
वहां जाते ही उसे एक कमरे में बंद कर दिया। उससे साथ मारपीट की। उसे धमकियां दीं कि फिरौती नहीं चुकाई तो जिंदा भारत नहीं जा सकेगा। मजबूर होकर अरुण भराड़िया ने फिरौती चुकाई थी। 42 दिन तक अरुण भराड़िया बैंकॉक में संतोष शेट्टी की अवैध गिरफ्त में रहे थे।
संतोष शेट्टी को मिली ऐसे ही मामले में जमानत
गिरोहबाज संतोष शेट्टी को महाराष्ट्र पुलिस न्यायिक हिरासत बढ़ा कर वापस मुंबई ला चुकी है। उसे मोका अदालत में 10 नवंबर 2014 को पेश किया, जहां उसके खिलाफ मीरा रोड के एक कारोबारी और उसके बेटे के अपहरण और फिरौती का मामला चल रहा है।
इस सिलसिले में कई गुंडे पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं। इस मामले में एक और आरोपी को बैकॉक से कुछ अरसा पहले ही पुलिस ने बैंकॉक से दिल्ली लाकर हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया था।
अदालत इस मामले में संतोष शेट्टी को जमानत दे चुकी है। संतोष को मोका अदालत में अब बस जमानत की रकम ही जमा करनी है।
संतोष शेट्टी के मामले
संतोष शेट्टी के खिलाफ मुंबई पुलिस द्वारा दर्ज दर्जन भर मामलों में या तो वह बरी हो चुका है, या फिर वह जमानत हासिल कर चुका है। अब यदि पपुलिस को उसे जेल की सलाखों के पीछे ही रखना है तो कोई नया मामला दर्ज करना होगा।
2006 का गुजरात के शहर सूरत का एक मामला ही उसके खिलाफ बाकी रह गया है जो फिलहाल अदालत में है। मुंबई पुलिस की अपराध शाखा के सामने समस्या यह है कि अगर सूरत पुलिस ने तुरंत संतोष शेट्टी को अपनी हिरासत में नहीं लिया तो आगामी दो दिनों में वह अपने पुराने ब्रीच कैंडी इलाके के किसी आलीशान फ्लैट में रहने लगेगा। उसे भारत से बाहर जाने का मौका तो नहीं मिलेगा क्योंकि कुछ मामलों में उसके खिलाफ अदालत में मुकदमा चलता रहेगा लेकिन वह आजादी की सांस ले सकेगा।
संतोष शेट्टी के कानूनी सलाहकारों के मुताबिक सूरत के इस मामले में भी वह आसानी से बरी हो जाएगा क्योंकि जब यह मामला हुआ था, संतोष शेट्टी तब बैंकॉक में था। पुलिस ने जो आरोप पत्र दाखिल किया है, उसके मुताबिक 2006 में तीन गुंडे विजय शेट्टी उर्फ विजू, हेमंत पुजारी और कुंदन सिंह रावत 93 बमकांड के एक आरोपी की हत्या करने के इरादे से पहुंचे थे। वह हत्याकांड सफल नहीं हुआ था।
इस मामले के एक आरोपी कुंदन को पुलिस मुठभेड़ में मार चुकी है जबकी हेमंत और विजय फरार हैं। उनके बारे में बताया जाता है कि दोनों थाईलैंड या वियतनाम में हो सकते हैं।
संतोष शेट्टी और संगमरमर कारोबारी अपहरण कांड
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक संतोष शेट्टी और उसके तीन गुंडों पर पांच साल पहले चित्तौड़गढ़ के एक कारोबारी ने आरोप लगाया था कि उसका बैंकॉक में अपहरण कर फिरौती वसूल की थी। पुलिस द्वारा अदालत में दायर आरोप पत्र के मुताबिक संतोष ने 2009 में एक व्यक्ति के संगमरमर कारोबारी अरुण भराड़िया को कारोबार करने के बहाने बैंकॉक बुला लिया।
वहां जाते ही उसे एक कमरे में बंद कर दिया। उससे साथ मारपीट की। उसे धमकियां दीं कि फिरौती नहीं चुकाई तो जिंदा भारत नहीं जा सकेगा। मजबूर होकर अरुण भराड़िया ने फिरौती चुकाई थी। 42 दिन तक अरुण भराड़िया बैंकॉक में संतोष शेट्टी की अवैध गिरफ्त में रहे थे।
संतोष शेट्टी को मिली ऐसे ही मामले में जमानत
गिरोहबाज संतोष शेट्टी को महाराष्ट्र पुलिस न्यायिक हिरासत बढ़ा कर वापस मुंबई ला चुकी है। उसे मोका अदालत में 10 नवंबर 2014 को पेश किया, जहां उसके खिलाफ मीरा रोड के एक कारोबारी और उसके बेटे के अपहरण और फिरौती का मामला चल रहा है।
इस सिलसिले में कई गुंडे पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं। इस मामले में एक और आरोपी को बैकॉक से कुछ अरसा पहले ही पुलिस ने बैंकॉक से दिल्ली लाकर हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया था।
अदालत इस मामले में संतोष शेट्टी को जमानत दे चुकी है। संतोष को मोका अदालत में अब बस जमानत की रकम ही जमा करनी है।
संतोष शेट्टी के मामले
संतोष शेट्टी के खिलाफ मुंबई पुलिस द्वारा दर्ज दर्जन भर मामलों में या तो वह बरी हो चुका है, या फिर वह जमानत हासिल कर चुका है। अब यदि पपुलिस को उसे जेल की सलाखों के पीछे ही रखना है तो कोई नया मामला दर्ज करना होगा।
2006 का गुजरात के शहर सूरत का एक मामला ही उसके खिलाफ बाकी रह गया है जो फिलहाल अदालत में है। मुंबई पुलिस की अपराध शाखा के सामने समस्या यह है कि अगर सूरत पुलिस ने तुरंत संतोष शेट्टी को अपनी हिरासत में नहीं लिया तो आगामी दो दिनों में वह अपने पुराने ब्रीच कैंडी इलाके के किसी आलीशान फ्लैट में रहने लगेगा। उसे भारत से बाहर जाने का मौका तो नहीं मिलेगा क्योंकि कुछ मामलों में उसके खिलाफ अदालत में मुकदमा चलता रहेगा लेकिन वह आजादी की सांस ले सकेगा।
संतोष शेट्टी के कानूनी सलाहकारों के मुताबिक सूरत के इस मामले में भी वह आसानी से बरी हो जाएगा क्योंकि जब यह मामला हुआ था, संतोष शेट्टी तब बैंकॉक में था। पुलिस ने जो आरोप पत्र दाखिल किया है, उसके मुताबिक 2006 में तीन गुंडे विजय शेट्टी उर्फ विजू, हेमंत पुजारी और कुंदन सिंह रावत 93 बमकांड के एक आरोपी की हत्या करने के इरादे से पहुंचे थे। वह हत्याकांड सफल नहीं हुआ था।
इस मामले के एक आरोपी कुंदन को पुलिस मुठभेड़ में मार चुकी है जबकी हेमंत और विजय फरार हैं। उनके बारे में बताया जाता है कि दोनों थाईलैंड या वियतनाम में हो सकते हैं।
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