सट्टे का विश्व कप – 3 : क्रिकेट सट्टे की भाव लाईन में हजारों करोड़ का वारा-न्यारा

· विश्व कप क्रिकेट सट्टे की लाईन का कारोबार है हजारों करोड़ का
· हर मैच पर लाईन वाला लेता है 500 रुपए
· बड़े बुकियों को मिलती है लाईन वालों से मोटी रकम
· देश के हर कोने में सुनी जाती है लाईन
· विदेशीं पंटरों को भी दी जाती है लाईन

विवेक अग्रवाल
मुंबई, 14 फरवरी 2015
जितना बड़ा कारोबार क्रिकेट के विश्व कप पर सट्टे में होता है, उतना ही बड़ा लाईन या डिब्बे का कारोबार भी है। हर पल भावों में आने वाले उतार – चढ़ाव की जानकारी हासिल करने के लिए न केवल बुकि बल्कि पंटर भी लाईन पर भरोसा करते हैं। ये लाईनें और कुछ नहीं बल्कि किसी बड़े (500 करोड़ रुपए से अधिक का कारोबार करने वाले) बुकि के भावों की जानकारी हर पल देने वाले सेल फोन होते हैं।

एक बुकि के मुताबिक सट्टाबाजार की सुविधा के लिए इस बार भी विश्व कप के दौरान लाईन चालू रहेगी। लाईन को लोग डिब्बा भी बोलते हैं। असल में जो सेलफोन सट्टे के भावों की जानकारी देने के लिए इस्तेमाल होते हैं, उन्हें डिब्बा कहा जाता है।

बुकियों के अलावा बहुत सारे पंटर भी ऐसे हैं जो लाईन लेते हैं। ये पंटर हर गेंद के हासिब से सट्टा लगाते हैं। वे भावों के ऊपर नीचे होते जाने पर बुकियों को फोन लगा कर सट्टा लगाने में भरोसा नहीं करते हैं। वे भी लाईन पर भाव सुनते रहते हैं और अपने बुकि के पास पसंदीदा भाव पर सट्टा खेलते रहते हैं।

हर मैच का डिब्बा 500 रुपए में
बुकियों का संसार बताता है कि हर मैच के लिए डिब्बे के 500 रुपए लगते हैं। यदि एक दिन में दो मैच हैं तो बुकि या पंटर को लाईन वाले को एक हजार रुपए देने होते हैं। यदि कोई बिक या पंटर किसी खास मैच के लिए डिब्बा इस्तेमाल नहीं करता है तो उसकी सेवा न लेने पर इस मैच विशेष के लिए उसे लाईन वाले को रकम नहीं देनी होती है।

तीन तरह के डिब्बे या लाईन होती हैं। सेशन का डिब्बा अलग होता है। भाव का डिब्बा भी अलग ही होता है। इसके अलावा दोनों की एक ही लाईन होती है, जिसे सटोरिए कॉमन लाईन या कॉमन डिब्बा कहते हैं।

बाजार में तीन ही लोग हैं जो कि लाईन देते हैं। बड़े बुकियों से ये लाईन वाले से अपना फोन जोड़ कर रखते हैं। इन बुकियों को हर मैच के लिए 20 से 50 हजार रुपए लाईन पर भाव चलाने के लिए देते हैं।

लाईनों का अर्थशास्त्र
मुंबई में ही बड़े-छोटे मिला कर कम से कम 500 बुकि हैं। देश भर में इन बुकियों की संख्या तकरीबन 5,000 आंकी जाती है। ऐसे में देखा जा सकता है कि लाईन का कारोबार भी कितना बड़ा है। यदि ये 5,500 बुकी कुल 49 मैच के लिए 500 रुपए के हिसाब से लाईन लेते हैं तो 13.47 करोड़ रुपए का कारोबार हो जाता है।

एक बुकि के मुताबिक लाईन वाले लगभग 5,000 ऐसे पंटरों को भी लाईन अथवा डिब्बा देते हैं। ये आमतौर पर फिल्मी हस्तियां, उद्योगपति, बड़े कारोबारी, राजनीतिक हस्तियां होते हैं। उन्हें एक मैच के लिए 500 रुपए देना अखरता इसलिए भी नहीं है क्योंकि इस तरह से उनके द्वारा सट्टा लगाने पर अधिक रोमांच तो मिलता ही है, कमाई की संभावना भी अधिक हो जाती है।

यदि पंटरों को दी जाने वाली लाईन का भी कुल जोड़ किया जाए तो यह रकम 12.25 करोड़ रुपए और जुड़ जाते हैं। एक मोटा अनुमान है कि 25.72 करोड़ रुपए का कारोबार इस जादुई डिब्बे से उपजता है।

लाईन वालों और बुकियों के भरोसेमंद फोन
बुकियों के मुताबिक वे एक खास कंपनी के ही सेलफोन फोन पर ही सबसे अधिक भरोसा करते हैं क्योंकि उसमें 299 रुपए में कंपनी के लोकल से कंपनी के लोकल सेल फोन पर पूरे महीने मुफ्त फोन करने की सुविधा मिलती है। यदि 599 का पैकेज लें तो देश भर में कंपनी से कंपनी फोन पर मुफ्त फोन करने की सुविधा है। यदि 799 का पैकेज हासिल कर लें तो देश भर में इस कंपनी के सेल फोन से किसी भी कंपनी के नेटवर्क पर मुफ्त फोन की सुविधा मिलती है। इसके चलते इस कंपनी के सीडीएमए नेटवर्क का खासा इस्तेमाल किया जाता है।

यही नहीं उनका इंटरनेट पैक भी सस्ता होता है, जिसके चलते सटोरियों और बुकियों में इस कंपनी का ही इंटरनेट पैक भी अधिक पसंद किया जाता है।

गुजरात में एक जीएसएम सेलफोन सेवाप्रदाता कंपनी तो महज 49 रुपए में उसी के नेटवर्क के सेल फोन पर कॉल करने की असीमित सुविधा देती है। उसकी सिग्नल ताकत कमजोर होने के कारण सटोरिए और बुकि उसे कम ही पसंद करते हैं। यह जरुर है काफी मात्रा में पंटर इस कंपनी के प्रीपेड सिम कार्ड सिर्फ सट्टे के लिहाज से ही लेते हैं, विश्व कप खत्म होते ही वे इन सिम कार्ड को नष्ट कर देते हैं।

सेल टॉवर के करीब ठिकाना बनाते हैं बुकि
सटोरिए और बुकि ऐसे ठिकानों पर अपना अड्डा बनाने को तरजीह देते हैं, जहां आसपास ही सेल फोन का ट़ॉवर लगा हो। इसके कारण उनका सेल फोन अबाधित चलता रहता है। बीच-बीच में फोन कटने के दौरान उन्हें एक गेंद या रन चूकने पर भी लाखों का नुकसान होता है।

एचडी टीवी नापसंद है बुकियों को
एचडी टीवी ब्राडकास्ट सटोरिए पसंद नहीं करते हैं क्योंकि उसमें सिग्नल 4 से 5 सेकंड पीछे होता है। इतनी देर में एक – एक गेंद और रन का फर्क पड़ जाता है। सामान्य एसडी सिग्नल में चूंकि तोड़ा भी फर्क नहीं पड़ता है, इसके चलते तमाम सटोरिए एचडी के बदले सामान्य ब्राडकास्ट पर ही मैच देखते हैं।
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डिब्बा या लाईन का अर्थशास्त्र
डिब्बा
भाव (रुपए में)
एक मैच का डिब्बा या लाईन
500
5,500 बुकी कुल 49 मैच के लिए
13,47,00,00
5,000 पंटर कुल 49 मैच के लिए
12,25,00,000
डिब्बा या लाईन की कुल कमाई 49 मैच में
25,72,00,000

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