सट्टे का विश्व कप – 6 : दक्षिण अफ्रीकी देश बुरकिना फासो से चल रही हैं भारतीय क्रिकेट सट्टा वेबसाईट

· क्रिकेट सट्टे के लिए अफ्रीकी देश बुरकिना फासों का इस्तेमाल
· बेटफेयर.कॉम जैसी विदेशी वेबसाईटों पर हैं अवैध जुआ खाते
· बेटफेयर जैसी जुआ वेबसाईटों पर खाते बनाने वाले दलाल सक्रिय
· दिल्ली है अवैध देशी-विदेशी जुआ पोर्टल कारोबार की राजधानी
· पारंपरिक बुकियों के बदले जुआरी पसंद कर रहे हैं जुआ पोर्टल

विवेक अग्रवाल
मुंबई, 17 फरवरी 2015
भारत में भी अब वेबसाईट्स और स्मार्टफोन एप्लीकेशन या एप्स के जरिए क्रिकेट पर सट्टा और जुआ खेलने का कारोबार लगातार बढता ही जा रहा है। एक बेहद चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है कि अमरीका या इंग्लैंड जैसे देशों के मुकाबले एक अफ्रीकी देश बुरकिना फासों में कई भारतीयों ने अपने जुआ पोर्टल पंजीकृत करवा लिए हैं। इस देश के लचीले कानूनों का सहारा लेकर ये लोग भारतीयों को इन वेबसाईटों पर बेटफेयर और बेट365 जैसी विदेशी जुआ वेबसाईटों पर सट्टा खेलने की सुविधा प्रदान कर रहे हैं।


एक हैकर ने पहचान सार्वजनिक न करने की शर्त पर बताया है कि जुआ और सट्टा खेलने के लिए एक वेब एप्लिकेशन और वेबसाईट उसने भी भारत में ही कुछ भारतीय ग्राहकों के लिए बनाई थी। वह कहता है कि ये सट्टा वेबसाईट्स असल में बेटफेयर से जुड़ी है। इस हिंदुस्तानी वेबसाईट पर बेटफेयर का भाव डाला जाता है। इसका भारतीय सट्टेबाज ही इस्तेमाल कर रहे हैं और उसे चलाने वाले बुकि भी हिंदुस्तानी ही हैं।

इसका कहना है कि जिन लोगों ने यह वेबसाईट तैयार करवाई थी, उन्होंने ताकीद की थी कि बिल्कुल भारतीय तरीके से यह पोर्टल होना चाहिए। इसमें किसी किस्म की जटिलता नहीं होनी चाहिए। कोई अनपढ़ व्यक्ति भी इसे एक बार दख कर ही दांव लगा सके, यह व्यवस्था होनी चाहिए। उसने इसी तरह की वेबसाईट तैयार कर दी।


जो लोग तकनीक के जानकार हैं या इंटरनेट का इस्तेमाल जानते हैं, वे आराम से इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। वे इनके जरिए आराम से दांव लगा सकते हैं। इतना ही नहीं, जो लोग इंटरनेट व तकतीनक के अधिक जानककार हैं, उनके ए भी ये एप्स या वेबसाईट काफी आसान हैं। इन पर सामने ही भाव दिखते हैं, उसे क्लिक करें तो आ जाता है कि कितनी रकम लगानी है, उसमें आंकड़ा भर कर ओके दबा दें। दांव लग जाता है।

बुरकिना फासो में भारतीय जुआ पोर्टल
कई भारतीयो ने लाईसेंस पर अपने जुआ पोर्टल विदेशों में बनवा लिए हैं। कई गरीब देशों में लाईसेंस बड़ी सस्ती कीमत पर मिल जाते हैं। वहां पर किसी किस्म का प्रतिबंध भी नहीं होता है।


इस हैकर का दावा है कि इस वेबसाईट का संचालन एक अफ्रिकी देश से हो रहा है। बुरकिना फासो नाम देश में यह काम चल रहा है। यह छोटा सा देश है, जिसमें राजनीतिक तौर पर खासी उथल-पुथल मची रहती है। यहां पर गरीबी बहुत है, जिसके कारण वहां जुए की वेबसाईट चलाने का लाईसेंस आसानी से मिल जाता है।

बुरकिना फासो पश्चिम अफ्रीका का छः देशों से घिरा राष्ट्र है। यह बहुत सुंदर देश है। इसकी राजधानी ओगाडोगू है। इसके उत्तर में माली, दक्षिण पश्चिम में बेनिन है। यह पहले फ्रांस का उपनेविश था, स्वतंत्रता के पहले उसका नाम उपेक वोल्टा था। बाद में नाम बदल कर बुरकिना फासो रख दिया। यहां के हरित जंगलों में कुछ वक्त बिताने के लिए पूरी दुनिया से पर्यटक आते हैं।

वह हैकर बताता है कि लंदन की जुआ वेबसाईट बेटफेयर.कॉम के भावों में और भारतीय सटोरियों के भावों में खासा फर्क होता है। इसके कारण इन पर भारतीय जुआरी और सटोरिए कम ही दांव लगाना चाहते हैं। उस पर रन रेट खासा धीमा होता है जबकि भारतीय तेज रन रेट के हिसाब से दांव लगाते हैं।

विदेशी वेबसाईट्स का मकड़जाल
यह हैकर बताता है कि एशियाई बाजार क्रिकेट सट्टे के मामले में सबसे बड़ा माना जाता है। इसमें कारोबार की जरा सी भी संभावना तलाश करने में कोई भी जुआघर पीछे नहीं है। वह दावा करता है कि बेटफेयर में भी भारत से खाता कोल सकते हैं या आईडी बना सकते हैं। इस पर भी अब रकम डॉलर में जमा होने लगी हैं। उसका कहना है कि यदि आप अपने स्टेटस में इंडिया क्लिक करते हैं तो फिर भारतीय कानूनों के मुताबिक तो उन्हें आपकी आईडी बनने ही नहीं देनी चाहिए।


दलाल बनाते हैं बेटफेयर पर खाते
इस हैकर के मुताबिक ऐसे कई एजंट्स हैं, जो कि बेयफेयर जैसी कई वेबसाईटों पर आईडी बनाने या खाते खोलने का काम कुछ सेवा शुल्क लेकर करते हैं। वे पंटर के नाम पर ही खाता बना कर देते हैं। इस काम के लिए एजंट 5 से 10 हजार रुपए की रकम खाता खोलने या आईडी बनाने के लिए लैते हैं।

ये एजंट एक डॉलर पर 200 रुपए से 500 रुपए का भाव रखते हैं। ये तमाम खाते लाखों डॉलर के होते हैं। वह बताता है कि यदि आप 10 डॉलर का दांव लगाते हैं तो इसका मतलब यह हुआ कि 2000 रुपए का दांव हो गया। यदि आप हारते हैं तो आपके दो हजार रुपए जाते हैं, यदि आप जीतते हैं तो आपको बुकि 2000 रुपए के ऊपर वलण करेगा। आपका सौदा दो हजार रुपए का ही माना जाएगा।

जुआ सलाहकार वेबसाईट्स का बोलबाला
इंडियाबेट.कॉम जैसे कई वेबसाईट्स आपको गुगल पर भी मिल जाएंगी, जिनमें साफ लिखा है कि कोईऊ भी हिंदुस्तानी आराम से इन वेबसाईट्स पर दांव लगा सकता है। ये भारतीय वेबसाईट कुछ विदेशी जुआ पोर्टल पर दांव लगाने में भारतीय जुआरिओं की मदद की पेशकश करती नजर आती हें।

आईपीएल के लिए तो इन वेबसाईट्स पर खूब सट्टा लगा था। आपको करना इतना ही होता है कि किसी विदेशी वेबसाईट पर जाएं, वहां क्रिकेट के खाने में देखें, आपको एक दिवसीय या आईपीएल की लिंक मिलेंगीं। उन पर क्लिक कीजिए। और ये पहुंच गए आप दांव लगाने की जगह पर। बस भाव देखिए, दांव लगाईए। इन पर आपको फैंसी सट्टा करने की सुविधा भी मिलती है कि किस गेंदबाज की किस गेंद पर कौन सा खिलाड़ी आऊट हो जाएगा, कौन सा बल्लेबाज किस गेंद पर कितने रन बनाएगा.. वगैरह-वगैरह।


इस तरह की भारतीय सलाहकार जुआ वेबसाईटों पर आपको पूरा ज्ञान देने वाली जानकारी सरल भाषा में परोसी जा रही है। यही नहीं, कुछ ने तो सरल भाषा में वीडियो भी बना कर डाले हुए हैं। उनसे सट्टा लगाने की पूरी प्रक्रिया सीखी जा सकती है।

भरमा रही हैं वेबसाईट्स
ये वेबसाईट्स पंटरों को भ्रम में डालती हैं। ये दावा करती हैं कि भारत का कानून विश्वस्तरीय वेबसाईटों पर कुछ अधिक नहीं कहता है। भारत में भले ही जुआ खेलना अवैध है लेकिन किसी को वेबसाईट्स पर सट्टा खेलने से रोकने के लिए कानून स्पष्ट नहीं हैं। इसके ठीक उलट मुंबई हाईकोर्ट के वकील राजा ठाकुर कहते हैं कि भारतीयों के लिए किसी भी विदेशी या देशी वेबसाईट्स पर जुआ या सट्टा करना अवैध है। ये वेबसाईट बिल्कुल भ्रामक जानकारियां पेश कर रही हैं। अमरीका में तो अमेरिकन इंटरनेट गैंबलिंग प्रोहीबीशन एक्ट है लेकिन भारत में यह अभी तक नहीं बना है। इससे लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ता है क्योंकि पब्लिक गेंबलिंग एक्ट 1867 के तहत हर किस्म का जुआ भारत में अवैध है।

दिल्ली अवैध जुआ पोर्टल कारोबार का केंद्र
इस कारोबार का मुख्यालय दिल्ली बना हुआ है। पता चला है कि ये विदेशी जुआ पोर्टल भारतीय बाजार में पूरी तरह पैठ बना चुके हैं।

यह हैकर दावा करता है कि खातों में जो भी सौदे होते हैं, उनकी रकम नकद में लेन-देन होता है। यदि बड़ी रकम का कामकाज है तो विदेशी क्रेडिट कार्डों के जरिए भी काम होता है। यदि 1,000 डॉलर पंटर के खाते में डालते हैं तो भारत में उससे दो लाख रुपए वसूल लेते हैं। यदि पंटर 1,000 हजार डॉलर जीत जाता है तो उसे भारत में दो लाख रुपए देते हैं।


वह बताता है कि बेटफेयर जैसी वेबसाईटों पर पंटर आपस में पाइंट्स या रकम दे सकते हैं। इसका मतलब यह हुआ कि कोई पंटर या बुकि चाहे तो अपनी रकम किसी और के खाते में भी स्थानांतरित कर सकता है डिस तरह से बैंकों की ई-बैंकिग वेबसाईट्स पर होता है। इसका फायदा भी बुकि और सटोरिए खूब उठा रहे हैं। इसके चलते देश की कीमती विदेशी मुद्रा तो बाहर जा ही रही है, देश को आर्थिक रूप से खासा नुकसान हो रहा है।

वह कहता है कि पूरी तरह से सुरक्षित है। तमाम कामकाज भरोसे पर ही हो रहा है जिस तरह से सट्टे के अवैध धंधे में होता है।

परंपरागत बुकियों का धंधा खराब
इस हैकर का दावा है कि पारंपरिक बुकियों पर से लोगों का भरोसा उठता जा रहा है। उनका कारोबार भी सिमटता जा रहा है क्योंकि कई बुकियों ने कालांतर में हारने के कारण पंटरों का पैसा चुकाने से इंकार कर दिया था लेकिन जीत होने के बाद माफिया और गुंडों का सहारा लेकर भी रकम वसूली थी। इससे पंटरों में इन बुकियों को लेकर थोड़ा अविश्वास की स्थिति बन चली है।

जब वे हारने लगते हैं तो या तो फोन बंद करते हैं या फिर फोन व्स्त करके बैठ जाते हैं जिससे कि पंटर उनके पास दांव ही न लगा सकें। इससे पंटरों का कभी-खभी खासा नुकसान हो जाता है। वलण में भी खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। विदेशी वेबसाईट्स में जैसे ही आप हारते या जीतते हैं रकम आपके खाते में तुरंत स्थानांतरित उसी दिन हो जाती है। इसके लिए वलण का इंतजार नहीं करना पड़ता है। काफी पंटर उनके पास चले गए हैं। 

जो लोग इनके पास गए हैं, वे बड़ी रकम का सट्टा लगाने वाले हैं। ये लोग एक दो करोड़ रुपए का सट्टा खेलने वाले लोग हैं। उन्हें वहां बड़ा खाता नहीं मिलता है तो भारतीय बुकि के पास एक डॉलर पर 200 रुपए के भाव पर सट्टा खेलने की व्यवस्था करते हैं। बस आपको एजंट को इतना ही कहना है कि मुझे 500 रुपए वाला आईडी बना कर दो।

बेटफेयर में आप खाना-लगाना दोनों ही कर लकते हैं लेकिन बेट365 में सिर्फ लगा ही सकते हैं। वह विनर मार्केट है। इसके कारण लोग बेटफेयर को अधिक तरजीह देते हैं।

सिक्किम में वैध जुआ वेबसाईट्स
बता दें कि 4 मार्च 2009 को सिक्किम सरकार के राजस्व मंत्रालय ने एक आदेश जारी कर सिक्किम आनलाईन केमिंग (रेग्यूलेशन) रूल्स 2009 लागू कर दिए हैं। इसके तहत राज्य में ऑनलाईन जुआ करने के लिए लाईसेंस जारी करने संबंधी नियम और व्यवस्थाएं दी गई हैं। एक बुकि का कहना है कि अगर सिक्किम के इस नियम के तहत कोई पोर्टल बनाते हैं तो उस पर रोकथाम करना भी भारत के अन्य राज्यों के लिए असंभव होगा। उसने यह नहीं बताया कि अब तक किसी बुकि ने इसका फायदा उठाया है या नहीं। 

यह हैकर बताता है कि कोई व्यक्ति अगर किसी विदेशी वेबसाईट्स पर जुआ खेलते हुए रंगे हाथों पकड़ा जाता है, तो भी उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करना संभव नहीं होगा। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि जिस वेबसाईट पर वह जुआरी सट्टा लगा रहा था, उनकी तरफ से भारतीय जांच एजंसियों को बिल्कुल भी सहयोग नहीं मिलता है। दूसरा यह कि हमारे देश की जांच एजंसियां साईबर फोरेंसिक के मामले में काफी पीछे हैं। अदालतों में इन मामलों की समझ रखने वाले अधिकारियों की बेहद कमी है। इसके चलते मामला महज जुआ सट्टे संबंधी पुराने कानूनों या मुंबई पुलिस एक्ट की कुछ धाराओं के तहत महज 1,250 रुपए के छोटे से जुर्माने पर ही खत्म होकर रह जाता है।

पूरी तरह अवैध फिर भी चालू
इस हैकर के मुताबिक बेटफेयर चाहे तो भारत में कोई भी उस पर सट्टा या जुआ न कर सके, यह व्यवस्था कर सकता है लेकिन कोई भ उस पर आराम से अपना खाता खोल सकता है औऱ दांव लगा कर हार-जीत की रकम का स्थानांतरण कर सकता है।

चीन ने जैसे गुगल बंद कर दिया है, पाकिस्तान ने जैसे यूट्यूब प्रतिबंधित कर दिया है, ठीक वैसे ही भारत सरकार भी चाहे तो वीएसएनएल के जरिए इन जुआ पोर्टल को रूट से ही भारत में देखने और काम करने से रोक सकती है। यह नहीं हो रहा तो इसके पूछे कोई न कोई बड़ा कारण जरूर होगा।
समाप्त

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