डी-कंपनी के सिपहसालार तारिक परवीन को उप्र में मिली जमानत



उत्तरप्रदेश एटीएस और लखनऊ पुलिस द्वारा गिरफ्तार डी-कंपनी के करीबी सिपहसालार तारिक परवीन को स्थानीय दालत से जमानत मिल गई है।

सूत्रों के मुताबिक 15 साल पुराने मामले में गिरफ्तार तारिक परवीन को हालांकी बड़ी जद्दोजहद के बाद जमानत 3 फरवरी को ही मिल गई थी लेकिन उसने जो श्योरीटी और जमानत के दस्तावेज पेश किए हैं, उनकी जांच का काम पूरा न होने के कारण आज तक तारिक परवीन को जेल से बाहर आने का मौका नहीं मिल सका है।

तारिक परवीन से जुड़े कुछ करीबी सूत्रों का दावा है कि बीतें दोनों एक वकील की हत्या के कारण वकीलों की हड़ताल के चलते तारिक परवीन को जमानत हासिल करने में खासी दिक्कत आ रही थी। पता चला है कि जैसे ही हड़ताल खत्म हुई, तारिक के वकीलो ने अदालत से उसे राहत दिलवा दी।

यह भी सूचना मिली है कि तारिक को हिरासत में लेने के लिए मुंबई पुलिस की अपराध शाखा की ईकाई एक के अधिकारियों का एक दस्ता भी लखनऊ रवाना हुआ है। वे भी एक पुराने मामले में और साथ ही मिलिंद वैद्य पर हमले की साजिश के बारे मे जानकारियां हासिल करने के इरादे से तारिक की हिरासत लेना चाहते हैं। इसके लिए वे अदालत में ट्रांजिट रिमांड हासिल कर सकते हैं। अभी तक मुंबई पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस सिलसिले में पुष्टि नहीं की है।

बता दें कि तारिक परवीन की गिरफ्तारी हजरतगंज में 1999 मे मुंबई के तत्कालीन मेयर और शिवसेना नेता मिलिंद वैद्य की हत्या के लिए सुपारी हत्यारों के लिए हथियार समेत तमाम अन्य व्यवस्थाएं करने के आरोप तारिक परवीन पर थे। ये दोनों सुपारी हत्यारे पहले गिरफ्तार हुए थे। उनसे उत्तरप्रदेश पुलिस ने एके 47 समेत रायफलें और गोलियां बरामद किए थे। उन्होंने पूछताछ में तारिक परवीन का नाम बताया था। तबसे लखनऊ पुलिस उसकी तलाश में थी।

1999 में हजरतगंज के लक्ष्मी गेस्टहाऊस से गिरफ्तार सुपारी हत्यारों के नाम एजाजुद्दीन और मुईनुद्दीन हैं। ये पाकिस्तान मूल के बताए जाते हैं। उन्हें नेपाल से एके 47 रायफलें और गोलियों मिले थे। पूछताछ उन्होंने बताया कि असलहे काठमांडू में बजरिए तारिक परवीन मिले थे।

तारिक परवीन मुंबई के क्रोफर्ड मार्केट इलाके में बाकायदा एक तफ्तर खोल कर बैठता है, जिससे वह संपत्ति कारोबार कर रहा है। अचरज की बात यह है कि अचानक 15 साल पुराने मामामले में उत्तरप्रदेश पुलिस की नींद कैसे खुल गई?
विवेक अग्रवाल
मुंबई, 05 फरवरी 2015

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