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गोवा में पिछले आठ सालों से
छुप कर रहता था श्याम
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सुभाष सिंह ठाकुर का
योजनाकार है श्याम
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1993 के मुंबई बमकांड में
सजा काट चुका है श्याम
· कल्याण के एक हत्याकांड में जमानत तोड़ कर हुआ फरार श्याम
· कल्याण के एक हत्याकांड में जमानत तोड़ कर हुआ फरार श्याम
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इंदर भटीजा हत्याकांड में
वांछित है श्याम
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दाऊद का दुश्मन नंबर वन है
श्याम
विवेक अग्रवाल
मुंबई, 15.02.2015
गोवा में पिछले 10 सालों से छुप कर दिन गुजार रहा
खतरनाक शार्प शूटर सुभाष सिंह ठाकुर का दिमाग कहलाने वाला श्याम किशोर गरिकापट्टी
आज अचानक गोवा पुलिस के हत्थे चढ़ गया। श्याम किशोर को गोवा पुलिस ने आज मीडिया और
प्रेस से रूबरू करवाया और उसका उर्फ नाम ब्लैक स्कोर्पियो बताया है। श्याम को जेजे
हत्याकांड में 7 साल की सजा हो गई थी। उसके खिलाफ कुछ और मामले आज भी मुंबई व ठाणे जिले में
चल रहे हैं, जिनमें वह वांछित बताया जाता है।
पुलिस अधिकारियों का दावा है कि कभी डी-कंपनी के
लिए काम करने वाले सुभाष सिंह ठाकुर के साथ रहने वाले श्याम के खिलाफ मुंबई में ही
कम से कम डेढ़ दर्जन मामले चल रहे हैं। उसे 1993 बमकांड में भी सजा सुनाई जा चुकी है।
गोवा में गिरफ्तार श्याम किशोर गरिकापट्टी उर्फ श्याम भाई उर्फ ब्लैक स्कोर्पियो के साथ पुलिस दस्ता। फोटो साभार - प्रोकेरला.कॉम |
पुणे के मूल निवासी श्याम को गोवा पुलिस ने पणजी से
10 किमी दूर स्थित सालीगांव नामक स्थान के एक गोपनीय ठिकाने से 14 फरवरी की रात को
गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। उसे एक मुखबिर द्वारा मिली सूचना के आधार पर
गिरफ्तार किया है।
गोवा के एसपी कार्तिक कश्यप ने आज मीडिया से बात
करते हुए बताया कि श्याम यहां पर विगत 8 सालों से पहचान छुपा कर जिंदगी बसर कर रहा
था। श्याम यहां पर एक मकान किराए पर लेकर रहता था।
पेरोल तोड़ कर हुआ था फरार
पुलिस के मुताबिक 1993 बमकांड में सजा लगने के बाद
वह जेल में था। सन 2003 में वह कल्याण के हत्रयाकांड के सिलसिले में जमानत पाकर जो गायब हुआ तो वापस ही नहीं लौटा। तबसे उसकी
तलाश पुलिस को थी। पुलिस ने जब श्याम को गोवा में पकड़ा तो उससे एक पिस्तौल और एक फर्जी
परिचय पत्र भी मिला।
पुलिस अधिकारियों का दावा है कि श्याम अभी भी सुभाष
सिंह ठाकुर उर्फ एसटी के संपर्क में था। बता दें कि एसटी अभी भी उत्तरप्रदेश की एक जेल में बंद है। उसके खिलाफ दिल्ली में एक मामला आज भी चल रहा है। एसटी को जेजे हत्याकांड में
फांसी की सजा सुनाई जा चुकि है लेकिन इस सजा के खिलाफ उसने सुप्रीम कोर्ट में अपील
की है, जो फिलहाल विचाराधीन है।
दाऊद का दुश्मन नंबर 1
गिरोह सरगना दाऊद इब्राहिम की हत्या का हलफ उठाने
वाले सुभाष सिंह ठाकुर का साथ सदा श्याम ने दिया। उसके साथ बाद में अली बुदेश भी
जुड़ गया था। यह बात और है कि एसटी और श्याम का सपना कभी पूरा न हो सका। वे दाऊद
को नहीं मार सके। यह लेकिन सच है कि श्याम को मुंबई की जेलों में पुलिस और जेल
प्रशासन को बेहद कड़ी सुरक्षा में रखना पड़ेगा क्योंकि उसे मार गिराने की कोशिश डी-कंपनी
के सिपहसालार और प्यादे जेल में जरूर करेंगे। श्याम की उम्र अब 50 साल की हो चली
है। इसके चलते उसकी सुरक्षा के लिए पुलिस को खासी मुसीबत उठानी पड़ेगी।
सुभाष ने इस्तेमाल किया है
श्याम का नाम
सन 2004 में फिरोज खान नामक एक गुंडे को विलेपार्ले
में कूपर अस्पताल के पास से गिरफ्तार किया था, जिसने पुलिस को बयान में यह बताया
था कि एसटी जो फोन बनारस की जेल में इस्तेमाल करता था, उससे बात करते समय वह सभी
को अपना नाम श्याम किशोर गरिकापट्टी ही बताता था। श्याम चूंकी कल्याण जेल से पेरोल
पर छूट कर गायब हो गया था, इसके चलते एसटी ने उसका नाम ही बतौर एहतियात हमेशा
इस्तेमाल किया।
श्याम की हिरासत मिलेगी
मुंबई पुलिस को
गोवा पुलिस श्याम को मुंबई पुलिस को सौंप देगी।
उससे पूछताछ करने के लिए खुफिया ब्यूरो और मुंबई पुलिस की अपराध शाखा के अधिकारी
बेहद इच्छुक हैं। उनका मानना है कि श्याम से ऐसी बहुत सारी सूचनाएं मिलेंगी, जिनके
जरिए डी-कंपनी पर लगाम लगाने की कोशिश मुस्तैदी से हो सकेगी। यह भी एक बात खुफिया
और जांच अधिकारियों को पता है कि श्याम तो दाऊद के गिरोह के खिलाफ उनकी खासी मदद करेगा
क्योंकि वह डी-कंपनी का खात्मा चाहने वाले लोगों में से एक है।
श्याम
किशोर का अपराधनामा
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श्यामकिशोर गरिकापट्टी पर
1993 के मुंबई बमकांड में शामिल होने के आरोप हैं। इसमें उसे सजा भी हो चुकि है।
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जेजे अस्पताल में गवली गिरोह
के सुपारी हत्यारे शैलेश हलदणकर की हत्या में भी श्याम का हाथ था। इस मामले में
उसे 10 साल की सजा हुई थी।
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वडराई गांव के मछुआरों पर 30
अप्रैल 1991 में भाई ठाकुर गिरोह की चांदी लूटने के बाद जो कल्तेआम और मारकाट मची
थी, उसमें भी श्याम का हाथ होने का दावा पुलिस करती है।
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पुलिस के मुताबिक वह टाडा के
तहत भी मारूति जाधव हत्याकांड में गिरफ्तार हो चुका है।
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एक हत्याकांड में
विट्ठलवाड़ी थाने में भी श्याम वांछित है।
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इंदर भटीजा हत्याकांड में भी
श्याम की तलाश उल्हासनगर पुलिस को थी। 1990 में इंदर की हत्या के पीछे कॉंग्रेस के
नेता और विधायक रहे सुरेश कालाणी उर्फ पप्पू कालाणी के इशारे पर राजनीतिक रंजिश के
चलते हुई थी। पप्पू के राजनीतिक विरोधी घनश्यामदास भटीजा ने फर्जी मतदान का विरोध
किया था, जिसके चलते उनकी हत्या हुई थी। इंदर उसका छोटा भाई था जो कि इस हत्याकांड
का चश्मदीद गवाह था।
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