• मीरा रोड गैंगवार में जमीन का मसला
• पुलिस मार रही है अंधेरे में हाथ-पांव
• एसटी गिरोह के पंटर की हत्या से सनसनी
• छोटा शकील गिरोह पर हत्या का शक
विवेक अग्रवाल
मुंबई, 14 अप्रैल 2015
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के पश्चिमी उपनगर मीरा रोड में कल रात हुई हत्या में किसी जमीन का मसला सामने आ रहा है। पता चला है कि एक बड़ी जमीन की सौदेबाजी में गिरोहों में आपस में ठन गई थी। इसके चलते ही बेहद सधे हुए सुपारी हत्यारों को यह काम सौंपा लगता है। जिस तरह हत्या “एक गोली – एक शिकार” वाले तरीके से हुई है, यह साफ है कि हमलावर बेहद पुराने और सधे हुए निशानची हैं।
सोमवार की रात अचानक मुंबई का माहौल तब तंग हो गया, जब मीरा रोड में एक बीयर बार के बाहर एसटी गिरोह के एक पुराने प्यादे आनंद प्रधान उर्फ बंटी प्रधान को दो अज्ञात गुंडों ने गोली मार दी। बंटी की मौके पर ही मौत हो गई थी। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक बंटी प्रधान असल में गिरोह सरगना सुभाष सिंह ठाकुर गिरोह का गुर्गा है।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक बंटी प्रधान तीन साथियों को लेकर पुष्पक बार में खाना खा रहा था। जब वह खाना खाकर रात लगभग 10 बजे बार से बाहर निकला, तभी उसके पास दो युवक आए। उनमें से एक ने बंटी के माथे पर दोनों आंखों के बीच में रख कर पिस्तौल से गोली चला दी। बंटी के माथे पर सुराख हो गया। वह मौके पर ही मारा गया। बंटी की हत्या करके भी दोनों हत्यारे बाज नहीं आए। उन्होंने बंटी के साथ बाहर आए उसके साथी सचिन मनोहर पर भी गोलियां दाग दीं।
पता चला कि हमलावरों ने वहां कुल चार गोलियां दागी थीं। वारदात स्थल से एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि एक गोली पास खड़ी एक कार का अगला कांच फोड़ते हुए पिछली सीट में जा धंसी। उस कार में सवार व्यक्ति के सिर के करीब से होकर यह गोली निकली थी। वह बाल-बाल बचा।
बंटी प्रधान और सचिन को तुरंत पास के एक अस्पताल ले गए, जहां बंटी को अस्पताल के चिकित्सकों ने भर्ती करने से पहले ही मृत घोषित कर दिया। उसका शव मीरा रोड पश्चिम स्थित सरकारी अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए पुलिस ले गई।
सचिन मनोहर को एक गोली लगी थी। रात में ही उसे सेवन इलेवन अस्पताल में भर्ती कर इलाज शुरी कर दिया। सुबह तक उसकी हालत स्थिर हो चली थी। पुलिस ने उससे पूछताछ की है लेकिन अभी तक वह इस स्थिति में नहीं है कि उससे हमलावरों का रेखाचित्र बनाने के लिए मदद ली जा सके। पुलिस अधिकारियों ने पूरा अस्पताल सील कर दिया है। वहां किसी को भी जाने की इजाजत नहीं दी जा रही है। इस हत्याकांड से मीरा रोड पुलिस इस कदर बौखला गई कि रात में आसपास के तमाम पुलिस थानों के वरिष्ठ पुलिस इंस्पेक्टरों समेत तमाम अधिकारी जा पहुंचे। हमलास्थल एक पुलिस छावनी में तब्दील हो गया था।
मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि बाईक पर सवार दो युवक वहां पहले से बंटी के बाहर आने का इंतजार कर रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक हमलावर पैदल होटल तक पहुंचे थे। सड़क के दूसरे छोर पर उन्होंने बाईक खड़ी की थी। हमला करने के बाद वे पैदल ही कुछ दूर तक गए थे। जांच अधिकारियों का माना है कि वहां पहले से खड़ी किसी कार या वाहन पर सवार होकर वे मौकाए वारदात से भागे हैं। पुलिस अधिकारी वहां के सभी संभावित सीसीटीवी फुटेज के जरिए आने-जाने वाले वाहनों की जानकारी हासिल कर सुराग हासिल करने की कोशिश कर रही है।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक बंटी प्रधान के बारे में हफ्तावसूली की कई शिकायतें पहले भी दर्ज हैं। यह भी बताया जाता है कि बंटी प्रधान कुछ समय से एक मानवाधिकार संस्था के नाम पर रकम वसूली करता था। उसके खिलाफ मीरा रोड स्थित कनकिया पुलिस थाने में भी एक बड़ा मामला बनने जा रहा था जो अज्ञात कारण से अचानक बंद हो गया था। बंटी प्रधान की काले रंग की स्कोर्पियो कार पर भी इस मानवाधिकार संगठन का नाम लिखा होता था। पता चला है कि बंटी ने कुछ समय से अपना दफ्तर वसई में बना लिया था।
सूत्रों का कहना है कि इस मामले में छोटा शकील गिरोह का हाथ हो सकता है। यह जानना भी बेहद दिलचस्प होगा है कि मौके पर लगभग डेढ़ घंटे में ही छोटा राजन गिरोह के कुछ सदस्य भी आ पहुंचे। मौके पर ही कुछ पुलिस अधिकारियों ने इन गिरोह सदस्यों से भी गोलीबारी के बारे में जानकारियां हासिल करनी चाही।
जांच कर रहे अधिकारियों में से एक ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “इस मामले में यह तो साफ है कि हत्या बेहद सधे हुए और शातिर सुपारी हत्यारों ने की है। हत्या के पहले न केवल अच्छी तौयारी की गई है बल्कि बंटी प्रधान की हर हरकत पर निगरानी ऱखने के बाद इस स्थान पर हमलावरों ने हत्या की। मुंबई और आसपास के इलाकों में लगभग एक दशक बाद इस तरह की हत्या देखी गई है। मामले में कुछ अच्छी जानकारियां मिली हैं। हर कोण से जांच की जा रही है।”
• पुलिस मार रही है अंधेरे में हाथ-पांव
• एसटी गिरोह के पंटर की हत्या से सनसनी
• छोटा शकील गिरोह पर हत्या का शक
विवेक अग्रवाल
मुंबई, 14 अप्रैल 2015
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के पश्चिमी उपनगर मीरा रोड में कल रात हुई हत्या में किसी जमीन का मसला सामने आ रहा है। पता चला है कि एक बड़ी जमीन की सौदेबाजी में गिरोहों में आपस में ठन गई थी। इसके चलते ही बेहद सधे हुए सुपारी हत्यारों को यह काम सौंपा लगता है। जिस तरह हत्या “एक गोली – एक शिकार” वाले तरीके से हुई है, यह साफ है कि हमलावर बेहद पुराने और सधे हुए निशानची हैं।
सोमवार की रात अचानक मुंबई का माहौल तब तंग हो गया, जब मीरा रोड में एक बीयर बार के बाहर एसटी गिरोह के एक पुराने प्यादे आनंद प्रधान उर्फ बंटी प्रधान को दो अज्ञात गुंडों ने गोली मार दी। बंटी की मौके पर ही मौत हो गई थी। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक बंटी प्रधान असल में गिरोह सरगना सुभाष सिंह ठाकुर गिरोह का गुर्गा है।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक बंटी प्रधान तीन साथियों को लेकर पुष्पक बार में खाना खा रहा था। जब वह खाना खाकर रात लगभग 10 बजे बार से बाहर निकला, तभी उसके पास दो युवक आए। उनमें से एक ने बंटी के माथे पर दोनों आंखों के बीच में रख कर पिस्तौल से गोली चला दी। बंटी के माथे पर सुराख हो गया। वह मौके पर ही मारा गया। बंटी की हत्या करके भी दोनों हत्यारे बाज नहीं आए। उन्होंने बंटी के साथ बाहर आए उसके साथी सचिन मनोहर पर भी गोलियां दाग दीं।
पता चला कि हमलावरों ने वहां कुल चार गोलियां दागी थीं। वारदात स्थल से एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि एक गोली पास खड़ी एक कार का अगला कांच फोड़ते हुए पिछली सीट में जा धंसी। उस कार में सवार व्यक्ति के सिर के करीब से होकर यह गोली निकली थी। वह बाल-बाल बचा।
बंटी प्रधान और सचिन को तुरंत पास के एक अस्पताल ले गए, जहां बंटी को अस्पताल के चिकित्सकों ने भर्ती करने से पहले ही मृत घोषित कर दिया। उसका शव मीरा रोड पश्चिम स्थित सरकारी अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए पुलिस ले गई।
सचिन मनोहर को एक गोली लगी थी। रात में ही उसे सेवन इलेवन अस्पताल में भर्ती कर इलाज शुरी कर दिया। सुबह तक उसकी हालत स्थिर हो चली थी। पुलिस ने उससे पूछताछ की है लेकिन अभी तक वह इस स्थिति में नहीं है कि उससे हमलावरों का रेखाचित्र बनाने के लिए मदद ली जा सके। पुलिस अधिकारियों ने पूरा अस्पताल सील कर दिया है। वहां किसी को भी जाने की इजाजत नहीं दी जा रही है। इस हत्याकांड से मीरा रोड पुलिस इस कदर बौखला गई कि रात में आसपास के तमाम पुलिस थानों के वरिष्ठ पुलिस इंस्पेक्टरों समेत तमाम अधिकारी जा पहुंचे। हमलास्थल एक पुलिस छावनी में तब्दील हो गया था।
मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि बाईक पर सवार दो युवक वहां पहले से बंटी के बाहर आने का इंतजार कर रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक हमलावर पैदल होटल तक पहुंचे थे। सड़क के दूसरे छोर पर उन्होंने बाईक खड़ी की थी। हमला करने के बाद वे पैदल ही कुछ दूर तक गए थे। जांच अधिकारियों का माना है कि वहां पहले से खड़ी किसी कार या वाहन पर सवार होकर वे मौकाए वारदात से भागे हैं। पुलिस अधिकारी वहां के सभी संभावित सीसीटीवी फुटेज के जरिए आने-जाने वाले वाहनों की जानकारी हासिल कर सुराग हासिल करने की कोशिश कर रही है।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक बंटी प्रधान के बारे में हफ्तावसूली की कई शिकायतें पहले भी दर्ज हैं। यह भी बताया जाता है कि बंटी प्रधान कुछ समय से एक मानवाधिकार संस्था के नाम पर रकम वसूली करता था। उसके खिलाफ मीरा रोड स्थित कनकिया पुलिस थाने में भी एक बड़ा मामला बनने जा रहा था जो अज्ञात कारण से अचानक बंद हो गया था। बंटी प्रधान की काले रंग की स्कोर्पियो कार पर भी इस मानवाधिकार संगठन का नाम लिखा होता था। पता चला है कि बंटी ने कुछ समय से अपना दफ्तर वसई में बना लिया था।
सूत्रों का कहना है कि इस मामले में छोटा शकील गिरोह का हाथ हो सकता है। यह जानना भी बेहद दिलचस्प होगा है कि मौके पर लगभग डेढ़ घंटे में ही छोटा राजन गिरोह के कुछ सदस्य भी आ पहुंचे। मौके पर ही कुछ पुलिस अधिकारियों ने इन गिरोह सदस्यों से भी गोलीबारी के बारे में जानकारियां हासिल करनी चाही।
जांच कर रहे अधिकारियों में से एक ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “इस मामले में यह तो साफ है कि हत्या बेहद सधे हुए और शातिर सुपारी हत्यारों ने की है। हत्या के पहले न केवल अच्छी तौयारी की गई है बल्कि बंटी प्रधान की हर हरकत पर निगरानी ऱखने के बाद इस स्थान पर हमलावरों ने हत्या की। मुंबई और आसपास के इलाकों में लगभग एक दशक बाद इस तरह की हत्या देखी गई है। मामले में कुछ अच्छी जानकारियां मिली हैं। हर कोण से जांच की जा रही है।”
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