मौत की म्यांऊ-म्यांऊ - 7 - म्यांऊ-म्यांऊ पर मुंब्रा में मचा घमासान

विवेक अग्रवाल
मुंबई, 10 मई 2015
एमडी की तस्करी और खरीद-बिक्री के मामले में एक तरह से कहा जाए तो मुंबई के दूरस्थ उपनगर मुंब्रा में भारी घमासान मचा हुआ है। एक तरफ जहां कुछ समाजसेवी बच्चों और किशोरों-युवाओं को इस जहरीले रसायन से बचाने के लिए कमर कस कर उतर आए हैं, वहीं दूसरी तरफ नशाफरोशों ने भी मिल कर इनके खिलाफ जोरदार अभियान छेड़ दिया है।
नशा फरोश जवान (हरी-काली शर्ट में)

पता चला है कि पिछले कुछ दिनों में कई नशा तस्करों को मुंब्रा में पुलिस ने तब गिरफ्तार किया, जब कुछ समाजसेवियों ने मिल कर इस नशे के खिलाफ अभियान चलाया। इसे लेकर अब जोरदार जंग छिड़ गई है। एक तरफ समाजसेवी हैं तो दूसरी तरफ नशा विक्रेता। नशा विक्रेताओं ने अब इन समाजसेवियों के खिलाफ दुहरा अभियान शुरू कर दिया है। वे न केवल उनके सहयोगियों पर हमले करवा रहे हैं बल्कि इनके खिलाफ खुद ही एमडी बेचने और तस्करी के मामले बनवाने के चक्कर में पड़े हैं।

पिछले दिनों नशा मुक्त मुंब्रा-कौसा अभियान चलाने वाले एनसीपी के नगरसेवक और होटल कारोबारी मोहीउद्दीन इस्माईल सय्यद उर्फ मुन्ना साहिल पर अब ये आरोप लग रहे हैं कि वे खुद अपने गिरोह के साथ एमडी बेचते हैं। इस संवादाताता से उन्होंने कहा, “हमारी नशे के खिलाफ लड़ाई रंग लाई है। इसके चलते पूरे मुंब्रा – कौसा इलाके में नशा न के बराबर बिक रहा है। हमने खुद नशा पकड़वाने के लिए लाखों रुपए खर्च किए हैं। अगर मुझे नशा बेचना ही होता तो मैं वह काम चुपचाप करता। खुद इस तरह से प्रचार करके अपने लिए परेशानियां खड़ी नहीं करता। इस धंधे में रह कर कोई भी व्यक्ति किसी और नशा कारोबारी को अपना दुश्मन कभी नहीं बनाता है। अब वे लोग मुझ पर हमला तो करेंगे ही। इन नशा तस्करों के पास कोई और रास्ता ही नहीं बचा है।”

नशा फरोश शाहरुख (लाल फूल वाली शर्ट में)

मुंब्रा की म्याऊं-म्याऊं कंपनी
तसलीम डिगा, हारून नेपाली भी एमडी बेचने के कारोबार में हैं। ये भी मुंब्रा के ही रहने वाले हैं। तबरेज, नदीम, अत्लाफ चिकना और पप्पू चाईनीजवाला ने औरंगजेब उर्फ आलम खान पर गोली चलाई थी। ये भी मुंब्रा के ही रहने वाले हैं। एक नशा फरोश इमरान मुकादम उर्फ इमरान फाईटर भी मुंब्रा में गिरफ्तार हो चुका है। वह कौसा के तनवर गार्डन का निवासी बताया जाता है।

हसन उर्फ हाजी अफसर कुरैशी को पुलिस ने मुंब्रा स्टेशन के बाहर फलों का रस बेचने वाले एक ठेले के पास से 25 फरवरी 2015 को गिरफ्तार किया था। वह पहला नशा फरोश था, जिसे एमडी रखने और बेचने के मामले में एनडीपीएस कानून के तहत गिरफ्तार किया था। इस गिरफ्तारी के पहले तक यह नामुराद नशा एनडीपीएस की प्रतिबंधित सूची में नहीं था। हसन भी मुंब्रा स्थित अमृतनगर, दरगाह रोड का निवासी है।

मुन्ना साहिल ने मुख्यमंत्री को एक पत्र 12 फरवरी 2015 को भेजा है, जिसमें नशाफरोशों की पूरी सूची ही दी है। अमृत नगर दरगाह निवासी फिरोज भम्माई, भांडुप निवासी नावेद नूर मोहम्मद खान और उसके चार साथी, कोसा के चांदनगर निवासी वाहिद पठान, अकबर, हकीम, दूबा, छोटू, चांद निगर निवासी मुख्य नशा डीलर शानू लाल, अमृतनगर, मुंब्रा निवासी तसलीम, आनंद कोलीवाड़ा, मुंब्रा निवासी आलम और यूसुफ चिकना, मुंब्रा हाईस्कूल के करीब रहने वाला हारून नेपाली, दरगाह रोड, मुंब्रा निवासी 28 वर्षीय नदीम, दरगाह रोड, मुंब्रा निवासी कादर उर्फ डेखाडी, रशीद कंपाऊंड, मुंब्रा निवासी तौसीफ, अमृत नगर, मुंब्रा निवासी तसलीम डिगा, जांद नगर, कौसा-मुंब्रा निवासी राकेश उर्फ राका, शादी महल रोड, मुंब्रा निवासी मारूफ, दरगाह रोड, मुंब्रा निवासी वसीम करमा, मुंब्रा स्टेशन निवासी प्रेम गूजर, अलमास कॉलोनी, कौसा-मुंब्रा निवासी नावेद लाल, रशीद कंपाऊंड निवासी शाहरुख, नौशाद, बशीर, नावेद अंसारी उर्फ मलिक, तनवर नगर निवासी शौबाज बाटलीवाला उर्फ कबाड़ी, अलमास कॉलोनी, कौसा-मुंब्रा निवासी मुबारक उर्फ मुन्ना लाल, आलीशान थिएयर, मुंब्रा निवासी जवान, राबोड़ी, ठाणे जिला निवासी जाईद और उसके तीन साथी, एंटॉपहिल, वडाला निवासी रफीद जरमन, पूर्व गिरोह सरगना करीम लाला का कौसा निवासी भांजा जफर पठान, भारत गीयर, कौसा निवासी शहबाज तेड़ी, जांद नगर, कौसा-मुंब्रा निवासी आदम के नाम अब तक सामने आ चुके हैं।
नशा फरोश बशीर

इनमें से अधिकांश को पुलिस ने वक्त-वक्त पर पिछले एक साल में गिरफ्तार भी किया है। काफी सारे नशाफरोश तो जमानत हासिल कर वापस आ चुके हैं और ये फिर से एमडी का कारोबार मजे से कर रहे हैं। अब पुलिस और एनसीबी से बचने के लिए वे तमाम हथकंडे आजमा रहे हैं।

समाजसेवियों पर हमले 
इकबाल अबू बकर शेख नामक एक समाजसेवी ने ठाणे के संयुक्त पुलिस आयुक्त को एक पत्र देकर बताया कि इन पर 16 फरवरी 2015 की शाम 6.30 बजे छुरे और उस्तरे से कुछ लोगों ने जानलेवा हमला किया। इस हमले में उनकी जान तो बच गई लेकिन 22 टांके आए थे। उनका आरोप है कि नशा फरोश शानू लाल और मुन्ना लाल के लोगों ने यह हमला किया था क्योंकि इन दोनों को उन्होंने मुन्ना साहिल के साथ मिल कर गिरफ्तार करवाया था।

नशे के मामले में फंसाने की साजिश
दूसरी तरफ आमिर निजाम शेख और साजिद सईद ठाणेकर नामक दो नशा फऱोशों ने ठाणे पुलिस आयुक्त को एक पत्र 18 फरवरी 2015 को दिया है। इसमें उन्होंने बताया है कि 14 नवंबर 2014 को इन दोनों को ठाणे पुलिस की अपराध शाखा इकाई 1 के अधिकारियों ने नशा और गुटका बेचने के आरोप में गिरफ्तार कर ठाणे सेंट्रल जेल भेजा था।


नशा फरोश मलिक

दोनों ने पत्र में यह आरोप लगाया है कि वहां पर उन्हें युसुफ मर्चेंट, वाहिद पठान, मोईन पठान, शाहनवाज उर्फ शानू लाल समेत लगभग 15 अन्य कैदी मिले। वे आपस में बात कर रहे थे कि मुन्ना साहिल को या तो नशे के ही किसी झूठे मामले में फंसा कर जेल भेजेंगे या फिर हैदराबाद अथवा बांद्रा या भिवंडी के गुंडों को सुपारी देकर मुन्ना साहिल के साथ में उनके सहयोगियों शाहरुख सय्यद, फय्याज सईबोले इत्यादि की हत्या करवा देंगे।

पुलिस खबरी उर्फ नशा फरोश
खान सोशल एंड वेलफेयर एसोसिएशन के आसिफ शौकत खान ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को 2 मार्च 2015 को एक पत्र भेज कर मांग की है कि एमडी बेचने वाले पुलिस के एक खबरी पर कार्रवाई करने के लिए पुलिस अधिकारियों को आदेश जारी करें।

इस पत्र के मुताबिक 21 फरवरी 2015 को एक लड़के को मित्तल मैदान में एमडी का नशा करते पकड़ा था। उसने पूछने पर बताया कि यह एमडी उसे पप्पू भाई और हमीद चिंगारी से मिला है। ये लोग फोन करने पर उन्हें मौके पर आकर माल दे जाते हैं।

बाद में उन्होंने पप्पू और हमीद को माल लेने के बहाने से मित्तल मैदान के बाहर बने शौचालय के पास बुलाया और रंगे हाथों पकड़ कर पुलिस को सौंप दिया। पता चला कि ये दोनों अपने पास पिस्तौल भी रखते हैं। वे दोनों ही पुलिस के खबरी हैं। वे स्थानीय गुंडों और असामाजिक तत्वों से संरक्षण राशि भी वसूलता है।

नशा फरोश हाजी 

पुलिस खबरी उर्फ नशा फरोश का महिला दस्ता
खान सोशल एंड वेलफेयर एसोसिएशन के आसिफ शौकत खान के पत्र के मुताबिक पप्पू भाई और हमीद चिंगारी  तीन लड़कियों को एमडी का लती बना कर उन्हं भी अपने गिरोह में शामिल कर लिया। ये लड़कियां उनके लिए नशा बेचने का काम करती हैं। उनका यौन शोषण भी करते हैं। इन लड़कियों को भी पकड़ कर उनका यौन शोषण करने के मामले में दोनों आरोपियों पर सक्त कार्रवाई करने की मांग की है।

आसिफ शौकत खान के मुताबिक वे स्थानीय पुलिस पर भरेसा नहीं करते हैं। इस मामले की जांच ठाणे अपराध शाखा या एनसीबी से करवाने की मांग की है।

हालात ये बन चले हैं कि एमडी का सबसे बड़ा और सुरक्षित माना जा रहा मुंब्रा अब तस्करों और नशा फरोशों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। इस पर जनता ने जो काम करना शुरू किया था, उसकी बदौलत एमडी पर यहां काफी हद तक रोक भी लग सकी है।
नशा फरोश रफीक जर्मन

नशा फरोश इखलाक 

नशा फरोश इमरान फाईटर

नशा फरोश पप्पू

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