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नगरसेविका के गोद लिए बेटे की अवैध
इमारत
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दो मंजिला गोदाम को गिरा कर बना
रहे अवैध टॉवर
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डी-कंपनी से ताल्लुकात हैं इस
बिल्डिंग माफिया के भी
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मनपा अधिकारी किशोर गांधी के कारम
नहीं बनी इमारत
विवेक अग्रवाल
मुंबई, 18 दिसंबर 2015।
17/19,
काजी सैय्यद स्ट्रीट, मुंबई
3 पते पर एक अवैध इमारत तामीर हो रही है। मरम्मत के नाम पर पूरी तरह से पुरानी
इमारत ढहा कर नई इमारत बनाई जा रही है। खबर लिखे जाने तक इसकी कई मंजिलें तैयार हो
गई थीं।
सूत्रों के मुताबिक एक स्थानीय नगरसेविका के साथ उसका मुंहबोला बेटा अमीन मिल कर यह अवैध इमारत तामीर कर रहे हैं। पहले यह इमारत
दो मंजिला गोदाम थी। आठ माह पहले इसकी मरम्मत की इजाजत मनपा से इस गिरोह ने ली थी।
इस वॉर्ड के मनपा अधिकारी किशोर गांधी थे, जिनके रहते हुए ये गिरोह इमारत नहीं बना पा रहा था। उनका अब तबादला हो गया है, तो जोर-शोर से इमारत का निर्माण होने लगा है। अब तक कुल 6 मंजिलें बन कर तैयार हो चुकी हैं।
इस वॉर्ड के मनपा अधिकारी किशोर गांधी थे, जिनके रहते हुए ये गिरोह इमारत नहीं बना पा रहा था। उनका अब तबादला हो गया है, तो जोर-शोर से इमारत का निर्माण होने लगा है। अब तक कुल 6 मंजिलें बन कर तैयार हो चुकी हैं।
इस इलाके में फ्लैट का भाव 15 से 16 हजार रुपए प्रति
वर्ग फुट तक है। मनपा से पुलिस तक इस अवैध इमारत के बारे में कई शिकायतें स्थानीय
लोगों ने की हैं लेकिन आज तक इसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
एक सूत्र के मुताबिक यह इमारत भी लोड बेयरिंग के लोहे
के टी एंगल पर ही बन रही है। इनका कहना है कि ये लोहे के टी एंगल आग में पिघलने
लगते हैं। किसी फ्लैट में अगर आग लगती है तो उसके लोहे के टी एंगर पिघल कर झुक
जाते हैं, इमारत का पूरा भार व
संतुलन गड़बड़ा जाता है, कुछ
ही देर में इमारत भरभरा कर ढह जाती है।
इस तरह से न केवल इमारत में रहने वाले निवासियों या
काम करने वालों का जीवन सदा दांव पर लगा रहता है बल्कि आग लगने की स्थिति में
उन्हें बचाने के लिए इमारत के अंदर घुसे दमकलकर्मियों और बचाव-राहत कर्मियों की
जान भी खतरे में पड़ सकती है। एक सूत्र कहता है कि जितने गांधी लाल, उतना बड़ा कमाल, इसी आधार पर यह सारा गोलमाल पिछले कुछ वर्षों से इस इलाके में जारी है।
मजेदार बात यह है कि इस तरह की इमारतों की जांच-पड़ताल
दमकल विभाग के आला अफसरान भी नहीं करवाते हैं। इसके कारण यह पूरा इलाका ऐसी अवैध इमारतों
का जंगल बनता जा रहा है, जो डी-कंपनी
के हिंसक प्राणियों से भरी हुई हैं। यहां कभी भी हादसे हो सकते हैं।
कहते हैं कि अमीन को इस महिला नगरसेविका ने गोद ले
लिया है। वह इस नगरसेविका के लिए पहले वसूली का काम करता रहा है। चुनावों के दौरान
उक्त नगरसेविका के लिए अमीन वोट खरीदने से लेकर प्रतिद्वंदी उम्मीदवारों को बैठाने
और दबाने जैसे तमाम काम भी देखता था।
सूत्रों का यह भी कहना है कि यह नगरसेविका डी कंपनी
के सिपहसालार तारिक परवीन के साथ बैठती है। कुछ अर्सा पहले इस इमारत का काम किसी
कारणवश मनपा अधिकारियों ने रुकवा दिया था। बाद में अधिकारियों क साथ अमून से
जुगाड़ करके काम फिर से शुरू करवा दिया। कहते हैं कि तारिक परवीन इस नगरसेविका के
कामकाम में निवेश भी करता है।
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