गिरोहबाज तारिक परवीन की अवैध इमारत की ईंट से ईंट बजा दी मनपा ने



विवेक अग्रवाल
मुंबई, 18 दिसंबर 2015
महानगरपालिका के अधिकारियों ने पिछले 10 दिनों में लगातार ताड़क कार्रवाई करते हुए डी-कंपनी के सिपहसालार और गिरोहबाज तारिक परवीन की अवैध इमारत की सही मायने में ईंट से ईंट बजा दी। इस इमारत की सबसे ऊपरी दो मंजिलें न केवल पूरी तरह से तोड़ दी हैं बल्कि नीचे की बाकी मंजिलों के फर्श और दीवारें भी नष्ट कर दिए हैं।

साथ दिए वीडियो में आप साफ देख सकते हैं कि किस तरह डी-कंपनी के गुरूर को भी इस इमारत के साथ पहली बार मुंबई महानगरपालिका और पुलिस ने मिल कर पूरी चरह से चकनाचूर कर दिया है।



पता चला है कि न केवल तारिक परवीन बल्कि सलीम फ्रूट ने भी पिछले दिनों अपने साथियों और ठेकेदारों को बुला कर कुछ समय तक अवैध इमारतों के कामकाज में शांती बरतने और काम रोकने के निर्देश जारी कर दिए हैं।

यह जानकारी भी आई है कि जिस तरह उनकी इमारतों की जानकारियां बाहर जा रही थीं, जिस तरह उनकी अवैध इमारतों के पीछे कुछ सामाजिक संगठन पीछे पड़े हैं, जिस तरह मनपा और पुलिस अब कार्रवाई कर रही है, उसके चलते डी-कंपनी के इन सिपहसालारों को लग रहा है कुछ समय शांत रहना ही मुनासिब होगा।

इस बहुमंजिला इमारत को लेकर काफी समय से कुछ संगठन और शिकायतकर्ताओं ने महानगरपालिका से लेकर मुख्यमंत्री तक और पुलिस आयुक्त से लेकर राज्यपाल तक शिकायतें की थीं। उसके बावजूद किसी की कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही थी। अचानक महानगरपालिका ने आश्चर्यजनक रूप से एक दिन इसे तोड़ने की कार्रवाई शुरू कर दी। तबसे यह कार्रवाई तीन दिनों तक तो लगातार चली। उस बीच शुक्रवार का दिन आ गया और जुमे की नमाज पास की मसजिद में होती है, तोड़क कार्रवाई के कारण नमाज में बाधा न पड़े, इसके चलते कार्रवाई शुक्रवार से रविवार तक के लिए स्थगित कर दी थी।

बता दें कि सोमवार और मंगलवार को यह कार्रवाई फिर हुई और इस बार मनपाकर्मियों ने नीचे कि मंजिलों पर हथौड़ा चलाने की बजाए सबसे ऊपरी दो मंजिलों को नेस्तोनाबूद करने का अभियान आरंभ किया। ऊपरी मंजिलें पूरी तरह तोड़ दी हैं। यह ध्यान रखा जा रहा है कि इस इमारत की पड़ोसी इमारत को किसी तरह का नुकसान न पहुंचे।

मनपा के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि तारिक परवीन की इस अवैध इमारत को पूरी तरह जमिंदोज करके ही रहेंगे। इस बारे में पुलिस और मनपा अधिकारी अधिकृत रूप से बयान जारी करने में परहेज बरत रहे हैं। 

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