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लोकसभा चुनाव घोषित
होते ही भाव खुले
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भाजपा पर दांव लगाया
इस बार बुकियों ने
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प्रियंका फैक्टर को
कमजोर माना सट्टाबाजार ने
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भाजपा का राष्ट्रवाद
बड़ा फैक्टर मान रहा सट्टाबाजार
विवेक अग्रवाल
मुंबई, 13 मार्च 2019
राजनीति का महासमर सामने है।
राजनीति के रणबांकुरे पिछले 6 महीने से अपनी-अपनी तलवार और भालो पर सान चढ़ा रहे थे। अब इन सभी ने अस्त्र-शस्त्र
निकाल कर युद्ध क्षेत्र में शत्रुओं को ललकारना शुरू कर दिया है। एक तरफ राजनीतिक
रणबांकुरे ताल ठोंक रहे हैं, दूसरी तरफ सट्टे के महारथियों ने भी शंखनाद कर दिया
है। भारतीय राजनीति के सबसे बड़े चुनावी खेल पर सटोरियों ने भाव खोल दिए हैं।
सीटों का पिछला गणित
10 मार्च 2019 की शाम से लोकसभा चुनावों पर सट्टे के भाव भी सामने आ गए। सट्टोरियों को
मुताबिक भारतीय लोकसभा की 543 कुल सीटों में से सरकार बनाने के लिए 272 सीट की जरूरत होती है।
2014 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 282 सीट लेकर बहुमत से
सरकार बना पाई थी। कई दशकों तक हिंदुस्तान पर राज करने वाली कांग्रेस मात्र 42 सीट के आंकड़े तक सिमट
गई थी।
एक सट्टेबाज के मुताबिक 2014 के चुनाव में भाजपा को
240
से 243
सीटें मिलने का अनुमान लगाया था। कांग्रेस को 92 से 95 सीटें मिलने की बात बुकियों ने की थी।
2014 के चुनावों में मोदी लहर के चलते भाजपा को 282 सीट मिल गईं, जिससे भाजपा आसानी से सरकार
बना गई थी।
इस साल बजट के पहले तक बुकियों
का आकलन था कि भाजपा को 180 से 185 तक सीटें लोकसभा चुनाव में मिल पाएंगे वहीं कांग्रेस 97 से 100 तक सीटें पा सकती है
यह अनुमान लगाया जा रहा था
सीटों का नया गणित
बुकियों ने इस बार भाजपा के
पक्ष में कुछ अधिक ही झुके नजर आ रहे हैं। इस झुकाव का कारण समझना कुछ मुश्किल
नहीं है।
अधिकांश बुकि मानते हैं कि लोकलुभावन
बजट आने के कारण भाजपा की हालत पिछले साढ़े चार सालों की लगातार गिरती लोकप्रियता
पर भारी पड़ी। भाजपा की स्थिति सुधरी और 15 से 20 सीटों का इजाफा उसके खाते में दिखने लगा।
ऱाष्ट्रवाद ने बढ़ाई सीटें
बुकियों का मानना है कि पुलवामा
में सीआरपीएफ जवानों पर आतंकी हमले के बाद तस्वीर पूरी तरह बदल गई।
बुकियों का मानना है कि भाजपा
को बालाकोट हमले के कारण अधिक फायदा हुआ है। उसके सबूत मिलें, न मिलें, भाजपा ने
यह स्थापित करने में सफलता हासिल कर ली है कि वह देश के लिए किसी भी स्तर तक जा
सकती है। इसके कारण उसका चुनावी गणित भी मजबूत हो गया।
अब भाजपा को 250 से 253 सीटें मिलने की उम्मीद
सटोरिए करने लगे हैं। इसके साथ ही कांग्रेस को 70 से 75 सीटों पर ही सिमट कर रह जाने की बात की जा
रही है।
भाजपा का समर्थन
फिलहाल भाजपा के साथ शिवसेना,
अकाली दल, अन्ना डीएमके समेत लगभग 20 दल हैं, जो मिल कर चुनाव लड़ने की तैयारी दिखा रहे हैं।
बुकियों के मुताबिक तेलंगाना
में टीआरएस को 12 से 15 सीटें मिलेंगी और चुनाव के बाद भाजपा को समर्थन दे सकती है।
इसी तरह बुकियों ने अनुमान
लगाया है कि आंध्रप्रदेश में जगन रेड्डी का दल 20 से 22 सीटें जीतेगा, और वे भी चुनाव बाद एनडीए
को समर्थन दे सकते हैं।
बुकी मानते हैं कि भाजपा का
पिछले कुछ समय में जो भी साथ छोड़ गए हैं, चुनाव बाद भाजपा की अच्छी स्थिति देखते
हुए वापस लौट सकते हैं।
राज्यों की सीटों का गणित
बुकियों का अनुमान है कि
गुजरात की सभी 26 सीटें भाजपा खींच लेगी। दिल्ली की सात और राजस्थान की लगभग 22 सीटों पर भाजपा कब्जा
कर सकती है।
मध्यप्रदेश की 23, उप्र की 50, बिहार की 36, पश्चिम बंगाल की 18 सीटों
पर भाजपा के काबिज होने के संकेत मिल रहे हैं।
उड़ीसा में 12 से 15 सीटें नवीन पटनायक की
पार्टी से भाजपा छीन सकती है। उत्तर-पूर्वी राज्यों में भाजपा को 35 तक सीटें हासिल हो
सकती हैं।
एसपी-बीएसपी की सीटें
सट्टाबाजार के मुताबिक एसपी-बीएसपी
गठबंधन उत्तरप्रदेश में 25 से 30 सीटों पर सिमट कर रह जाएगा।
भाजपा-शिवसेना की सीटें
सट्टाबाजार का आकलन है कि
महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना गठबंधन 22 से 18 तक सीटें जीत पाएगा। कांग्रेस-एनसीपी
गठबंधन 7
से 8
सीटों पर जीत दर्ज कर पाएगी।
भाव जीत-हार के
सट्टाबाजार सूत्रों के मुताबिक
भाजपा का 240 सीटों पर जीत के लिए 23 पैसे, 245 सीटों पर 42 पैसे, 250 सीटों पर एक रुपया तथा 255 सीटों पर 1.40 रुपए का भाव चल रहा है।
कांग्रेस का 60 सीटों पर जीत के लिए 28 पैसे, 65 सीटों पर 67 पैसे, 70 सीटों पर इवन मनी याने एक रूपया और 75 सीटों पर 1.60 रूपए का
भाव चल रहा है।
अन्य दलों की हार-जीत का भाव
फिलहाल नहीं खुला है। ये दो बड़े दल ही आपस में घमासान करेंगे, इसके चलते इनका ही
भाव खोलना सट्टाबाजार ने तय किया।
दो लाख करोड़ का टर्नओवर
बुकियों का मानना है कि इस साल
का चुनावी महासमर बड़ा ही जबरदस्त होगा। हर दिन भावों में परिवर्तन होता ही रहेगा।
लगभग दो लाख करोड़ रुपए का टर्नओवर भी होने की उम्मीद सट्टाबाजार कर रहा है।
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