उग्रह पर्व मनाऊं कैसे!

उग्रह पर्व मनाऊं कैसे!

कलयुग के भारत में
चीरहरण होता बालाओं का,
आंखों में रड़कन हों जब
उग्रह पर्व मनाऊं कैसे!
....
भारत मां के बेटों का होता
सामूहिक वध संहार
अदोष रक्त की छलकन हों जब
उग्रह पर्व मनाऊं कैसे!
....
महंगाई के चाबुक खाकर
त्राहि-त्राहि करती रैयत
उदर में उठती दहकन हों जब
उग्रह पर्व मनाऊं कैसे!
....
धृतराष्ट्र बन गए लोकपाल
गद्दी पर काबिज दुर्योधन
दिल में तड़कन हों जब
उग्रह पर्व मनाऊं कैसे!
....
कलम गंवा कर शर्मसार हूं
आवाज घुटी रह जाती है
मन में तड़पन हों जब
उग्रह पर्व मनाऊं कैसे!
- विवेक अग्रवाल
15 अगस्त 2023
उग्रह = आजादी
****

Comments